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महाराष्ट्र में पोल खोल अभियान

ऐसा लग रहा है कि महाराष्ट्र में सरकार चला रही भाजपा और शिव सेना के एकनाथ शिंदे गुट के नेता पोल खोल अभियान चला रहे हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस दोनों ऐसी बातें बता रहे हैं, जिनका कोई प्रत्यक्ष मतलब नहीं दिख रहा है। लेकिन उनका जरूर कोई राजनीतिक मतलब होगा, जो आगे सामने आएगा। पहले शरद पवार की पोल खोलने के अंदाज में देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि 2019 में एनसीपी के समर्थन से उनका मुख्यमंत्री बनना और अजित पवार का उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेना शरद पवार की जानकारी में हुआ था। हालांकि पवार ने इसे झूठ बताया लेकिन फड़नवीस बाद में भी अपनी बात दोहराते रहे।

इसके बाद फड़नवीस ने उद्धव ठाकरे को निशाना बनाया और कहा कि जब उनकी पार्टी टूट रही थी। यानी 2022 के जून में जब एकनाथ शिंदे ने बगावत की और शिव सेना के विधायक अलग हुए तब उद्धव ठाकरे ने प्रस्ताव भेजा था और फड़नवीस से मुख्यमंत्री बनने को कहा था।

उनके हिसाब से उद्धव ने अपनी पार्टी बचाने के लिए भाजपा से तालमेल करना चाहा था। इसके बाद एकनाथ शिंदे इस पोल खोल अभियान में कूदे और उन्होंने कहा कि 2022 में तब के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उस समय के नेता विपक्ष देवेंद्र फड़नवीस को गिरफ्तार करने की तैयारी की थी। शिंदे के मुताबिक इस बात की भनक लगने के बाद ही उन्होंने शिव सेना से अलग होने और भाजपा के साथ जाने का फैसला किया। इस तरह फड़नवीस ने यह बताया कि अगर वे उद्धव की बात मान लेते तो शिंदे सीएम नहीं बन पाते। इसके जवाब में शिंदे ने बताया कि अगर वे पार्टी नहीं तोड़ते तो फड़नवीस गिरफ्तार होकर जेल चले जाते।

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