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एनडीए में क्या अध्यक्ष और संयोजक बनेंगे?

बिहार

भारतीय जनता पार्टी अभी तक अपना अध्यक्ष नहीं तय कर पाई है। किसी को अंदाजा नहीं है कि कब तक भाजपा को नया अध्यक्ष मिलेगा। जितनी भी डेडलाइन पिछले करीब डेढ़ साल से दी जा रही थी सब गलत साबित हुई है। इसलिए अब कोई अंदाजा नहीं लगा रहा है। लेकिन इस बीच यह कयास लगाया जाने लगा है कि भारतीय जनता पार्टी अपने गठबंधन यानी एनडीए के पुराने ढांचे को फिर से पुनर्जीवित कर सकती है। गौरतलब है कि पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले जब विपक्षी पार्टियों ने अपना गठबंधन ‘इंडिया’ बनाया तो भाजपा ने एनडीए को भी रिवाइव किया। उसके 38 घटक दलों की एक बैठक हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। बाद में जब भाजपा बहुमत से पीछे रह गई तब फिर एनडीए की बैठक हुई और सभी घटक दलों ने मोदी को नेता चुना। अब कहा जा रहा है कि घटक दलों के बीच बेहतर समन्वय के लिए एनडीए के संगठन को फिर से खड़ा किया जा रहा है।

गौरतलब है कि कुछ समय पहले खबर आई थी कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने यह सुझाव दिया था कि एनडीए का एक सांगठनिक ढांचा बनाया जाए। यानी एनडीए का अध्यक्ष और संयोजक नियुक्ति किया जाए और साथ ही इसका एक सचिवालय भी बनाया जाए। भाजपा के जानकार सूत्रों का कहना है कि देश भर में यह धारणा बन रही है कि भाजपा अपनी सहयोगी पार्टियों का ख्याल नहीं रखती है और जहां भी जिस पार्टी से तालमेल होता है उसका वजूद खत्म हो जाता है या पार्टी कमजोर हो जाती है। इस धारणा को बदलना भाजपा को जरूरी लग रहा है क्योंकि सहयोगी पार्टियों के मन में आशंका पैदा हो रही है। लोग शिव सेना से लेकर अकाली दल तक की मिसाल दे रहे हैं। इसलिए भाजपा भी इस आइडिया पर विचार कर रही है कि एनडीए का ढांचा बने और उसका अध्यक्ष व संयोजक नियुक्त किया जाए।

अब सवाल है कि अगर एनडीए का सांगठनिक ढांचा बनता है तो उसका अध्यक्ष कौन होगा और संयोजक किसको नियुक्त किया जाएगा? जानकार सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नाम की चर्चा है कि उनको एनडीए का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। ध्यान रहे भाजपा को, जहां भी घटक दलों से डील करना होता है या विपक्ष के साथ संवाद का रास्ता खोलना होता है वहां राजनाथ सिंह को आगे किया जाता है। पिछले दिनों जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर सर्वदलीय बैठक हुई तो उसमें भी अध्यक्षता राजनाथ सिंह ने की। उनके साथ एनडीए के सभी घटक दलों के नेताओं के अच्छे संबंध हैं और विपक्षी पार्टियों का भी सद्भाव उनके प्रति है। इसलिए उनको एनडीए का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। जहां तक संयोजक की बात है तो उसके लिए चंद्रबाबू नायडू को सबसे उपयुक्त माना जा रहा है। अगर नीतीश कुमार बेहतर मानसिक व शारीरिक अवस्था में होते तो उनके नाम पर विचार हो सकता है। लेकिन अगर एनडीए का ढांचा फिर से खड़ा किया जाता है तो नायडू ही संयोजक होंगे। वे अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के जमाने में भी एनडीए के संयोजक रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए को रिवाइव करने के साथ साथ राज्यों के स्तर पर एनडीए का ढांचा बनेगा और वहां भी समन्वय समिति बनेगी। कहा जा रहा है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद एनडीए का ढांचा बनेगा।

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