पिछली बार बिहार के समाजवादी नेता और बिहार के मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिला था तब बिहार में सत्ता बदली थी। नीतीश कुमार ने राजद का साथ छोड़ कर भाजपा के साथ सरकार बना ली थी। अब खुद नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग हो रही है। अगर ऐसा हुआ तो बिहार में क्या होगा? क्या भाजपा का अपनी सरकार और अपना मुख्यमंत्री बनाने का सपना साकार हो जाएगा? ध्यान रहे कुछ समय पहले भी बिहार में होर्डिंग्स लगे थे, जिनमें नीतीश को भारत रत्न देने की मांग की गई थी। लेकिन तब जनता दल यू ने इसको खारिज कर दिया था और कहा था कि यह पार्टी की राय नहीं है, बल्कि कुछ कार्यकर्ता या नेता ऐसा चाहते हैं। लेकिन अब आधिकारिक रूप से मांग उठी है। अब पार्टी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा ने खुद मांग की है।
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संजय झा ने बिहार के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा कि नीतीश कुमार भारत रत्न प्राप्त करने की सारी योग्यता रखते हैं और उनको भारत रत्न मिलना चाहिए। अब सवाल है कि क्या अगर उनको भारत रत्न मिल जाता है तो राजनीति से संन्यास ले लेंगे और अपनी पार्टी व सरकार सब भाजपा को सौंप देंगे? इसकी संभावना कम ही है क्योंकि भारत में तो अब यह परंपरा भी शुरू हो गई है कि भारत रत्न प्राप्त व्यक्ति इधर उधर के उत्पादों का विज्ञापन करता है, क्रिकेट के आईपीएल तमाशे में टीम का मेंटर बनता है और विशेषज्ञ कॉमेंटरी करता है। इसलिए भारत रत्न लेकर भी नीतीश राजनीति में सक्रिय रह सकते हैं।
परंतु दूसरी ओर भाजपा के नेताओं का कहना है कि भारत रत्न देने के बाद उनको रिटायर कराना, उनके समर्थकों में सद्भाव बनाना और भाजपा के हाथ में सत्ता ट्रांसफर कराना आसान हो जाएगा। गौरतलब है कि इस बार नीतीश के साथ लौटने के बाद भाजपा बहुत फूंक फूंक कर कदम उठा रही है। इस बार भाजपा ने नीतीश के इकोसिस्टम को पूरी तरह से अपने नियंत्रण में रखा है। तभी इस बार उनको भारत रत्न देने की मांग का कुछ बड़ा मतलब है।