west bengal politics : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो गई है। चुनाव में एक साल बचे हैं। तभी ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं।
परंतु उसके मुकाबले भाजपा की तैयारियां जमीन पर कहीं नहीं दिख रही हैं। कह सकते हैं कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत खुद पश्चिम बंगाल पहुंचे थे और कई दिन तक प्रवास किया था, जिसके बाद संघ और भाजपा के कार्यकर्ता सक्रिय हुए हैं।
लेकिन वह सक्रियता जमीन पर बहुत असरदार नहीं दिख रही है। कुछ शहरी इलाकों में भाजपा की तैयारी दिख रही है लेकिन जहां तृणमूल कांग्रेस की असली ताकत है वहां भाजपा नहीं दिख रही है। (west bengal politics)
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हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव नतीजों से सबक (west bengal politics)
ममता बनर्जी ने हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव नतीजों से सबक लिया है। दोनों राज्यों में लोकसभा चुनाव में भाजपा को झटका लगा था। लेकिन उसने लोकसभा की हार को पीछे छोड़ कर विधानसभा की तैयारी की और चुनाव जीती। (west bengal politics)
वैसे ही पश्चिम बंगाल में भी भाजपा को झटका लगा है लेकिन इससे ममता बनर्जी लापरवाह नहीं हुई हैं। उन्होंने इन राज्यों के चुनाव नतीजों से सबक लेकर अपनी तैयारी शुरू की है। उनके कार्यकर्ता मतदाता सूची लेकर घर घर जा रहे हैं।
वे चेक कर रहे हैं कि कहीं उनके समर्थकों के नाम तो नहीं कटे हैं। वे नए मतदाता बनवा रहे हैं। खुद ममता बनर्जी इस अभियान को मॉनिटर कर रही हैं। उन्होंने फिर से यह माहौल बना दिया है कि किसी तरह से भाजपा को रोकना है। उनके नैरेटिव और उनकी जमीनी मेहनत की कोई काट भाजपा के पास नहीं दिख रही है।