भारत सरकार चुप्पी साध कर बैठी है। दुनिया भर के देशों ने अमेरिका की ओर से टैक्स लगाए जाने के विरोध में कुछ न कुछ किया है लेकिन भारत में अभी इसके असर का आकलन करने की बात कही गई है। लेकिन अमेरिका के साथ भारत का मामला सिर्फ टैरिफ तक सीमित नहीं है। कई और चीजों को लेकर अमेरिका में नाराजगी है।
भारत में बहुत ज्यादा टैक्स होने की शिकायत तो डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने खुलेआम की है लेकिन कई और चीजों के बारे में भारत को समझौता करने के लिए कहा जा रहा है। बताया जा रहा है कि अमेरिका इस बात से भी निराश है कि भारत में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की बड़ी राशि दी जाती है। भारत सरकार किसी कीमत पर एमएसपी खत्म करने या कम करने के बारे में नहीं सोच सकती है क्योंकि वह राजनीतिक रूप से आत्महत्या करने की तरह है।
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भारत की नीतियों पर अमेरिका की नजर, इंटरनेट बंदी और टैक्स नियमों पर आपत्ति
इसी तरह अमेरिकी प्रशासन ने इस बात को भी मार्क किया है कि भारत में बहुत जल्दी जल्दी और बहुत जगहों पर इंटरनेट बंद होता है। जीएसटी के नियमों में बार बार होने वाले बदलावों पर भी अमेरिका की नजर है और वह इसे कारोबार के लिए अच्छा नहीं मान रहा है।
बजट के बाहर टैक्स की घोषणा को भी अमेरिका का वाणिज्य विभाग ठीक नहीं मान रहा है। बताया जा रहा है कि अमेरिका और कई तरह छूट मांग रहा है। एक दशकों पुरानी मांग निजी बीमा कंपनियों को है कि भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी के ग्राहकों को सरकार की ओर से दी जाने वाली गारंटी लेवल प्लेइंग फील्ड के नियम का उल्लंघन है।
इससे एलआईसी को एडवांटेज होता है। लेकिन सरकार इसे भी नहीं बदल सकती है। डिजिटल पेमेंट और डाटा स्टोरेज को लेकर भी अमेरिका की कुछ मांगें हैं।
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