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भाजपा अध्यक्ष की चर्चा थमी हुई है

JP Nadda

भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा, इसकी चर्चा थम गई है। अब कयासबाजी भी नहीं हो रही है। नामों की अटकल लगाने वाले तमाम लोग खामोश हो गए हैं। अब सिर्फ इतना कहा जा रहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा। इस बीच राज्यों में अध्यक्ष नियुक्त हो रहे हैं। एक एक करके कई राज्यों में अध्यक्षों का चुनाव हो गया। भाजपा के संविधान के मुताबिक आधे राज्यों में अध्यक्ष का चुनाव होने के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है। जानकार सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ का भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय  गृह मंत्री अमित शाह के साथ सहमति नहीं बन पा रही है।

लेकिन किसी नाम पर सहमति नहीं बनने की बात अपनी जगह है। सबसे हैरानी की बात यह है कि सारी चर्चाएं रोक दी गई हैं। मीडिया में कोई खबर नहीं आ रही है। सूत्रों के हवाले से भी किसी नाम की चर्चा नहीं हो रही है। बताया जा रहा है कि पार्टी के एकदम ऊपर से कहा गया है कि किसी नेता को कोई खबर नहीं प्लांट करनी है और न किसी का नाम चलवाना है। तभी जो गंभीर दावेदार हैं वे और उनके समर्थक खामोश हैं तो बिना मतलब के नाम चलवाने वाले भी डरे हुए हैं। उनको लग रहा है कि अगर नाम की चर्चा मीडिया में हुई तो कार्रवाई हो सकती है। तभी सारी चर्चाएं ठहरी हुई हैं।

बताया जा रहा है कि 20 जनवरी को भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और संघ के पदाधिकारियों के बीच बैठक होने वाली थी। इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ साथ अन्य पदाधिकारियों के नाम पर भी चर्चा होनी थी और सहमति बनानी थी। लेकिन उसके बाद यह खबर सामने नहीं आई कि संघ और भाजपा के पदाधिकारियों की साझा बैठक हुई या नहीं। कुछ समय पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर जरूर संघ और भाजपा के नेताओं की बैठक की खबर आई थी। लेकिन उसके बाद फिर ऐसी कोई बैठक नहीं हुई है। कहा जा रहा है कि मोटे तौर पर मोदी और शाह को ही तय करना है कि कौन अध्यक्ष बनेगा। अगर कोई बहुत अनपेक्षित नाम नहीं हुआ तो संघ की ओर से आपत्ति नहीं होगी।

दिल्ली के चुनाव नतीजे आठ फऱवरी को आने वाले हैं और बजट सत्र का पहला हिस्सा 13 फरवरी तक है। तभी कहा जा रहा है कि 13 फरवरी को नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान हो सकता है। एक जानकार नेता के मुताबिक शिवराज सिंह चौहान से लेकर धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, विनोद तावड़े और मनोहर लाल खट्टर से लेकर मनोज सिन्हा तक के जितने नामों की चर्चा चल रही थी वही सारे नाम घूम फिर कर दोहराए जा रहे हैं।

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