दिल्ली में नाम बदलने का अभियान शुरू होने वाला है। बगैर एनडीएमसी से प्रस्ताव पास हुए भाजपा के दो नेताओं ने तुगलक लेन के अपने बंगले के बाहर विवेकानंद मार्ग लिख दिया। उत्तर प्रदेश के सांसद दिनेश शर्मा और फरीदाबाद के सांसद कृष्णपाल गूजर ने अपने आवास के बाहर नेमप्लेट पर विवेकानंद मार्ग लिखा लेकिन पता नहीं क्योंकि उसके नीचे कोष्ठ में तुगलक लेन भी लिख दिया। अगर उनको तुगलक के नाम से इतनी समस्या है तो वह नाम लिखना ही नहीं चाहिए था। लेकिन ऐसी हिप्पोक्रेसी न हो तो भारत का नेता कैसा!
बहरहाल, अब खबर है कि तालकटोरा स्टेडियम के नाम भी बदलने की तैयारी हो रही है। नई दिल्ली के विधायक और राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री प्रवेश वर्मा ने इसका नाम बदल कर भगवान महर्षि वाल्मिकी स्टेडियम करने की बात कही है। यह इस बात का भी प्रमाण है कि भारत में अभी तक यह सेंस विकसित नहीं हो पाया है कि महर्षियों के नाम पर किन जगहों या संस्थानों का नाम होना चाहिए, नेताओं के नाम पर किस जगह का नामकरण होना चाहिए और खिलाड़ियों, लेखकों, कलाकारों, कारोबारियों, समाजसेवकों आदि के नाम पर किन जगहों का नामकरण होना चाहिए। इससे पहले एक विधायक ने नजफगढ़ का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा है तो दूसरे विधायक ने मोहम्मदपुर का और तीसरे ने मुस्तफाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव पेश किया है। लुटियन की दिल्ली में शाहजहां रोड से लेकर तुगलक रोड, अकबर रोड आदि के नाम बदलने का अभियान भी दबी जुबान में चल ही रहा है।