Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

नीतीश, नायडू का सिर्फ दो-दो मंत्री पर राजी होना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के शपथ ग्रहण के बाद सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू इस बात के लिए कैसे राजी हुए कि दो दो मंत्री बनाए जाएंगे? नायडू की पार्टी के 16 लोकसभा सदस्य हैं और चार सांसद पर एक मंत्री बनाने के जिस फॉर्मूले की चर्चा हो रही थी उसके मुताबिक भी उनकी पार्टी के चार मंत्री बनने वाले थे, जबकि 12 सदस्यों वाली नीतीश कुमार की पार्टी के तीन मंत्री बनने थे। लेकिन दोनों के दो दो मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। दूसरी ओर दो सांसदों वाली पार्टी रालोद से भी एक मंत्री बना तो एक एक सांसदों वाली पार्टियों को भी सरकार में जगह मिल गई।

पहले कहा जा रहा था कि अगर बेहतर प्रतिनिधित्व नहीं मिलता है तो दोनों पार्टियां सरकार से बाहर रह सकती हैं। लेकिन दोनों पार्टियां न सिर्फ सरकार में शामिल हुईं, बल्कि सिर्फ दो दो मंत्री पद पर राजी भी हो गईं। जानकार सूत्रों का कहना है कि जेपी नड्डा के आवास पर राजनाथ सिंह और अमित शाह की मौजूदगी में हुई बैठकों में भाजपा की ओर से साफ कर दिया गया था कि स्पीकर पद किसी को नहीं मिलेगा और शीर्ष चार मंत्रालयों में से कोई मंत्रालय भी किसी सहयोगी पार्टी को नहीं मिलेगा। इसके बाद मंत्री पद की चर्चा शुरू हुई तो चार सांसदों पर एक मंत्री बनाने के फॉर्मूले पर चर्चा हुई और इस पर सहमति भी बन गई। इस लिहाज से टीडीपी से चार और जदयू से तीन मंत्री बनाए जाएंगे। बताया जा रहा है कि भाजपा और दोनों पार्टियों की सहमति से यह तय हुआ कि कुछ नाम रोक लिए जाएं क्योंकि सभी पद अभी भर देने से पार्टी के अंदर नाराजगी बढ़ सकती है। तभी जदयू ने एक और टीडीपी ने दो नाम रोक लिए। मंत्रिमंडल की पहली फेरबदल में दोनों का प्रतिनिधित्व पूरा हो जाएगा।

Exit mobile version