vikas yadav: ऐसा लग रहा है कि भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी रॉ से जुड़े रहे हरियाणा के विकास यादव को बलि का बकरा बनाया जाएगा।
अमेरिका के साथ नए राष्ट्रपति बन रहे डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के साथ बेहतर संबंध को ध्यान में रख कर सिख फॉर जस्टिस के गुरपतवंत सिंह की हत्या के प्रयास के मामले में विकास यादव पर कार्रवाई का फैसला होता दिख रहा है।
असल में केंद्र सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट में भारतीय एजेंट की गलती मानी है और उसके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है।
कमेटी ने किसी का नाम नहीं लिया है लेकिन माना जा रहा है कि इशारा विकास यादव की ओर है, जिनको कुछ समय पहले गिरफ्तार भी किया गया था।
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भारत सरकार की कमेटी की सिफारिशों को लेकर उसके दोहरे रवैए का मामला भी उठ रहा है।
यह सवाल पूछा जा रहा है कि कनाडा और अमेरिका के मामले में भारत सरकार अलग अलग रुख क्यों अख्तियार कर रही है।
गौरतलब है कि कनाडा में खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भी भारत पर आरोप लगे थे लेकिन भारत ने आक्रामक तेवर दिखाते हुए सारे आरोपों से इनकार किया और उलटे कनाडा को कटघरे में खड़ा किया।
लेकिन जब अमेरिका ने पन्नू की हत्या की साजिश में भारत के शामिल होने का आरोप लगाया तो भारत ने जांच कमेटी बनाई और अब कमेटी ने भारतीय एजेंट की गलती भी मान ली है।