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पल्लवी पटेल से योगी के मिलने का मतलब

उत्तर प्रदेश भाजपा में घमासान मचा है। प्रदेश के दोनों उप मुख्यमंत्री, केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक खुल कर तेवर दिखा रहे हैं। यह मैसेज बन रहा है कि दोनों उप मुख्यमंत्री नाराज हैं और इसलिए वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बुलाई बैठकों में नहीं शामिल हो रहे हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से केशव प्रसाद मौर्य ने खुला विरोध किया है। कई और नेताओं ने योगी प्रशासन पर सवाल उठाया और हार का ठीकरा उनके ऊपर फोड़ने का प्रयास किया। कांवड़ियों के रास्ते में दुकानों पर दुकानदारों का नाम लिखने के उनके फैसले के समर्थन में पार्टी का कोई बड़ा नेता नहीं उतरा। तभी जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसले पर रोक लगाई तो इस पर भाजपा के अंदर से कोई आवाज नहीं उठी। 

पार्टी के नेताओं के साथ भाजपा की सहयोगी पार्टियों जैसे अपना दल, निषाद पार्टी, रालोद आदि के नेता भी खुल कर बोलने लगे हैं। अपना दल की नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कम से कम दो मौकों पर योगी सरकार को घेरा। पहले उन्होंने ज्यादा टोल टैक्स वसूले जाने की शिकायत की और फिर सरकारी नौकरियों में आरक्षित सीटों पर सामान्य श्रेणी के लोगों की नियुक्ति का मद्दा उठाया। इस विवाद और खींचतान के बीच मुख्यमंत्री ने पल्लवी पटेल से मुलाकात की है। पल्लवी पटेल केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहन हैं और अपना दल कमेरावादी की नेता हैं। उन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव में सिराथू सीट पर केशव प्रसाद मौर्य को हराया था। तभी उनकी इस मुलाकात को बहुत अहम माना जा रहा है। योगी ने पल्लवी पटेल से मिल कर केशव प्रसाद मौर्य और अनुप्रिया पटेल दोनों को मैसेज दिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस मुलाकात का कोई राजनीतिक नतीजा निकलता है या सिर्फ ऑप्टिक्स ही रहता है।

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