ओडिशा के सबसे पावरफुल नौकरशाह जोड़ी वीके पांडियन और सुजाता कार्तिकेयन का युग समाप्त हो गया है। करीब 20 साल तक लगातार ओडिशा की राजनीति और शासन में सबसे महत्वपूर्ण रहने के बाद दोनों का अधिकारी के रूप में करियर समाप्त हो गया है।
सुजाता कार्तिकेयन ने भारतीय प्रशासनिक सेवा यानी आईएएस की सर्विस से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति से ले ली है। केंद्र सरकार ने उनकी वीआरएस को मंजूरी दे दी है। ध्यान रहे आईएएस अधिकारियों को वीआरएस का नोटिस देने के बाद तीन महीने तक इंतजार करना होता है लेकिन सुजाता के मामले में केंद्र ने इस अनिवार्यता को समाप्त कर उनके वीआरएस को तत्काल मंजूरी दे दी।
ओडिशा राजनीति में बदलाव: पटनायक, पांडियन, सुजाता युग खत्म
इससे पहले 2023 में उनके पति वीके पांडियन के साथ भी ऐसा ही हुआ था। उन्होंने वीआरएस के लिए आवेदन किया और तीन दिन के भीतर उसे मंजूर कर लिया गया। तब वे भाजपा और बीजू जनता के बीच गठबंधन की बातचीत में मध्यस्थ थे। बाद में उन्होंने बीजू जनता दल ज्वाइन कर लिया।
भाजपा ने पिछला चुनाव उनके नाम पर लड़ा। उसने नैरेटिव बनाया कि तमिलनाडु के रहने वाले पांडियन को नवीन पटनायक उत्तराधिकारी बना रहे हैं। नवीन बाबू के तमाम सफाई देने के बावजूद पार्टी हार गई। अब नवीन पटनायक भी सत्ता से बाहर हैं और पांडियन व उनकी पत्नी सुजाता कार्तिकेयन भी नौकरी से बाहर हैं।
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