ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन पटनायक ने 24 साल बाद चुनाव हार कर सत्ता से बाहर होने के बाद कई अच्छी पहल की, जिनसे लोकतंत्र की खूबसूरती दिखी। वे मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी की शपथ में पहुंचे और मंच पर बैठे। वे जब विधानसभा में गए तो उनको एक सीट से हराने वाले विधायक के सामने रूके और उसे बधाई दी। उन्होंने सदन में नेता प्रतिपक्ष का पद स्वीकार किया। इसके बाद अब उन्होंने एक शैडो कैबिनेट बनाई है। ब्रिटेन में एकदम शुरुआत से प्रचलित लोकतांत्रिक परंपरा के मुताबिक उन्होंने अपनी पार्टी के विधायकों का छाया मंत्रिमंडल बनाया है।
शैडो कैबिनेट या छाया मंत्रिमंडल का मतलब है कि जिस तरह मंत्रियों को विभागों की जिम्मेदारी दी जाती है वैसे ही छाया मंत्रिमंडल के सदस्यों को भी अलग अलग विभागों की जिम्मेदारी दी जाती है और वे उस विभाग के कामकाज पर बारीकी से नजर रखते हैं। जैसे नवीन पटनायक ने पूर्व वित्त मंत्री को वित्त विभाग का शैडो मंत्री बनाया है। इसका मतलब है कि वे वित्त मंत्रालय के कामकाज पर नजर रखेंगे। इसी तरह उन्होंने अलग अलग विभागों का जिम्मा कुछ विधायकों को दिया है। वे संबंधित विभाग के कामकाज पर नजर रखेंगे और उनमें किसी भी किस्म की गड़बड़ी को विधानसभा में और बाहर भी उठाएंगे। शैडो कैबिनेट बनाते हुए नवीन पटनायक ने कहा कि जनता के हितों की रक्षा करना विपक्ष की जिम्मेदारी होती है। यह जिम्मेदारी निभाने में वे कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उनके इस बयान और पहल से लगता है कि भाजपा का शासन लगातार उनकी निगरानी में रहेगा।