Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

वादे से पीछे हटती महाराष्ट्र सरकार

नेताओं के वादों को लेकर हमेशा मजाक बनते रहे हैं। यह माना जाता है कि नेता और पार्टियां चुनाव में जो वादे करती हैं वो पूरे नहीं करती हैं और पांच साल बाद नए वादों के साथ आ जाती हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से स्थिति बदली थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह धारणा बनाई थी कि उनके वादे का मतलब है वादा पूरा होने की गारंटी। इससे पहले कांग्रेस ने अपने वादों को गारंटी का नाम दिया था। परंतु ऐसा लग रहा है कि चुनावों में पार्टियां जो बड़े बड़े वादे कर रही हैं उनको पूरा करना उनके लिए मुश्किल होता जा रहा है। चुनाव जीतने के लिए वे बड़े वादे कर देती हैं लेकिन वित्तीय समस्या के चलते उन्हें पूरा करने में मुश्किल आ रही है।

महाराष्ट्र की भाजपा सरकार इसकी ताजा मिसाल है। राज्य की देवेंद्र फड़नवीस की सरकार एक भी चुनावी वादा पूरा नहीं करने जा रही है और सरकार ने इसका ऐलान भी कर दिया है। यानी डंके की चोट पर सरकार ने कहा है कि उसने चुनाव से पहले जो कहा है उसे पूरा नहीं करेगी। पहला वादा महिलाओं के लिए चल रही लड़की बहिन योजना के तहत 21 सौ रुपए हर महीने देने का है। सरकार ने ऐलान कर दिया है कि वह डेढ़ हजार रुपया महीना देगी। गौरतलब है कि राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार ने महिलाओं को डेढ़ हजार रुपए देना शुरू किया था। लेकिन चुनाव में इसे बढ़ा कर 21 सौ रुपए महीना करने का वादा किया गया था। अब बजट में डेढ़ हजार रुपए के हिसाब से ही प्रावधान किया गया है। इसी तरह किसानों की कर्ज माफी के मसले पर भी सरकार पीछे हट गई। राज्य के वित्त मंत्री अजित पवार ने किसानों से कहा है कि वे कर्ज की राशि चुकता करें और इस इंतजार में नहीं रहें कि सरकार कर्ज माफी करने जा रही है। हालांकि बाद में भाजपा, शिव सेना की ओर से सफाई दी गई लेकिन अजित पवार ने किसानों को बहुत साफ मैसेज दे दिया है।

Exit mobile version