Rahul Gandhi : लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और दूसरी विपक्षी पार्टियों ने इसको मुद्दा बनाया है कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला राहुल को बोलने नहीं दे रहे हैं। कांग्रेस कह रही है कि एक हफ्ते से उनको बोलने से रोका जा रहा है।
लेकिन यह विवाद बढ़ा बुधवार को, जब स्पीकर ने एक नसीहत देते हुए राहुल को सदन की उच्च परंपराओं का पालन करने को कहा। हालांकि तब कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों के साथ प्रेस दीर्घा में बैठे पत्रकार भी अनुमान ही लगा रहे थे कि क्यों स्पीकर ने नसीहत दी है।
अंदाजा लगाया जा रहा था कि राहुल के सदन में बैठने या टीशर्ट पहनने को लेकर स्पीकर ने नसीहत दी है। लेकिन असल में वह नसीहत राहुल को अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ अपने लगाव का सार्वजनिक इजहार करने को लेकर दी गई थी। (Rahul Gandhi)
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बुधवार को सदन की कार्यवाही शांति के साथ चल रही थी और शून्यकाल में सांसद अपनी बात कर रहे थे। उस समय आसन पर संध्या राय बैठी थीं। लेकिन भोजन अवकाश से ठीक पांच मिनट पहले स्पीकर ओम बिरला आसन पर बैठे।
उसके बाद कांग्रेस के महासचिव और केरल की अलापुझा सीट से सांसद केसी वेणुगोपाल ने अपनी बात कही। उनकी बात खत्म होने के बाद स्पीकर ने एक नोट पढ़ा और कहा कि इस सदन में पहले भी भाई-बहन, पिता-पुत्र या पति-पत्नी एक साथ सदस्य रहे हैं। (Rahul Gandhi)
उन्होंने कहा कि इस सदन की उच्च परंपरा रही है, जिसका सबको पालन करना चाहिए। इसके बाद उन्होंने खासतौर से राहुल गांधी को इंगित करके कहा कि नेता प्रतिपक्ष से उम्मीद की जाती है कि वे सदन की उच्च परंपराओं का पालन करेंगे।
इतना कहने के बाद उन्होंने भोजन के लिए सदन को स्थगित कर दिया और उठ कर चले गए। इसी दौरान राहुल गांधी बोलने के लिए खड़े हुए थे। उनके साथ केसी वेणुगोपाल और गौरव गोगोई भी खडे हुए। (Rahul Gandhi)
लेकिन स्पीकर अपने चैम्बर में चले गए और उनके पीछे पीछे विपक्ष के अनेक सदस्य उनके चैम्बर में गए। बाद में बाहर निकल कर राहुल ने कहा कि सदन का संचालन बहुत अलोकतांत्रिक तरीके से हो रहा है। उनको बोलने नहीं दिया जा रहा है।
सदन में अखिलेश और डिम्पल यादव एक साथ (Rahul Gandhi)
असल में स्पीकर की टिप्पणी राहुल गांधी के अपनी बहन के प्रति प्यार या लगाव के सार्वजनिक प्रदर्शन को लेकर था। राहुल अक्सर अपनी बहन के हाथ में हाथ डाल कर चलते हैं। उनके गले में हाथ डाल कर भी चलते हैं और एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे प्रियंका के गाल पकड़ कर उनको पुचकार रहे हैं।
लोग समझ गए हैं कि आप दोनों में बहुत प्यार और लगाव है। लेकिन इसका सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन करने की जरुरत नहीं है। इससे पहले कभी देखने को नहीं मिला कि सोनिया गांधी सदन में राहुल को पुचकारती हों या मुलायम सिंह ने अखिलेश को सदन में प्यार करना और पुचकारना शुरू कर दिया हो।
अखिलेश और डिम्पल यादव सदन में एक साथ बैठे हैं और अब भी पप्पू यादव और रंजीत रंजन एक साथ लोकसभा के सदस्य हैं लेकिन कभी ये लोग अपनी आत्मीयता का प्रदर्शन नहीं करते हैं। (Rahul Gandhi )
मेनका और वरुण गांधी भी एक साथ सदन के सदस्य रहे हैं लेकिन स्पीकर को पहले किसी के बारे में ऐसी टिप्पणी करने की जरुरत नहीं पड़ी।
अगर राहुल के आचरण को लेकर स्पीकर ने टिप्पणी की है तो उनसे लड़ने की बजाय अपने आचरण में सुधार करना चाहिए। राहुल और प्रियंका साल में गिने चुने दिन को दो चार घंटे के लिए संसद आते हैं। उसी में आपसी प्यार की इजहार जरूर नहीं है। (Rahul Gandhi)