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चुनाव आयोग की तैयारियों की पोल खुली

rajiv kumar

Lok Sabha Election 2024 Schedule

चुनाव आयोग का मुख्य काम लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव कराने का है। किसी भी राज्य में विधानसभा चुनाव की तैयारी करते हुए आयोग को हर पहलू का ध्यान रखना होता है। विधानसभा के कार्यकाल से लेकर राज्य में आने वाले त्योहारों या स्कूल-कॉलेज और प्रतियोगित परीक्षाओं आदि का भी ध्यान रखना होता है।

लेकिन ऐसा लग रहा है कि चुनाव आयोग हर पहलू से तैयारियों की समीक्षा नहीं कर रहा है। तभी हर चुनाव में कहीं न कहीं कोई ऐसी गलती हो रही है, जिसे बाद में ठीक करना पड़ रहा है। सोचें, पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने का दम भरने वाले आयोग की नजर जरूरी चीजों पर नहीं पड़ रही है। लोकसभा के साथ चार राज्यों के चुनाव की घोषणा में आयोग की बड़ी कमी सामने आई है।

सोचें, चुनाव आयोग ने इस पर ध्यान ही नहीं दिया कि अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम विधानसभा का कार्यकाल दो जून को खत्म हो रहा है। उसने इन दोनों राज्यों में भी वोटों की गिनती चार जून को तय कर दी। अगर विधानसभा का कार्यकाल दो जून को खत्म हो रहा है तो कायदे से उससे पहले चुनाव होकर नतीजे आ जाने चाहिए ताकि दो जून या उससे पहले नई विधानसभा का गठन हो जाए। यह बड़ी चूक है, जिसे चुनाव की घोषणा के एक दिन बाद दुरुस्त किया गया।

उसमें भी आयोग के पास ज्यादा गुंजाइश नहीं थी क्योंकि आखिरी चरण का मतदान एक जून को रखा गया है। तभी मजबूरी में इन दोनों राज्यों में दो जून को गिनती रखी गई और उसी दिन नतीजों की अधिसूचना जारी करके नई विधानसभा का गठन भी होगा। इससे पहले पिछले साल के चुनावों में यह देखने को मिला कि चुनाव आयोग ने पूर्वोत्तर के ईसाई बहुल मेघालय में भी रविवार को वोटों की गिनती रख दी थी। ईसाई समुदायों के विरोध के बाद मतगणना की तारीख बदली गई थी।

 

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