aadhar voter id ink : यह सिर्फ कहने की बात है कि आधार को वोटर आईडी नंबर से लिंक करना वैकल्पिक है। यह वैकल्पिक नहीं है, बल्कि अनिवार्य है। चुनाव आयोग सिर्फ कहने के लिए यह बात कह रहा है कि कोई व्यक्ति चाहे तो अपना आधार लिंक नहीं भी करा सकता है।
लेकिन चुनाव आयोग ने पिछले दिनों जो बैठक की, जिसमें नए सिरे से आधार और वोटर आईडी को लिंक करने का अभियान चलाने का फैसला हुआ उसमें जो बातें तय हुई हैं उनसे साफ है कि किसी के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं होगा।
पहले से जो प्रक्रिया चल रही है उसे इसी आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने रोका था और आगे भी इसी आधार पर रोका जा सकता है। (aadhar voter id ink)
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डुप्लीकेट वोटर जल्दी खत्म (aadhar voter id ink)
गौरतलब है कि चुनाव आयोग के दस्तावेजों में इस बात का प्रावधान है कि अगर कोई व्यक्ति अपना आधार नंबर और वोटर कार्ड का नंबर नहीं लिंक करना चाहता है तो उसे इसका वाजिबकारण बताना होगा।
अब कहा जा रहा है कि चुनाव आयोग ने तय किया है कि जो भी व्यक्ति इनकार करेगा उसे निजी तौर पर आयोग के अधिकारी बुलाएंगे और कारण बताने की मांग करेंगे। यह भी कहा जा रहा है कि कारण ऐसा होना चाहिए, जिससे चुनाव आयोग के अधिकारी संतुष्ट हों। (aadhar voter id ink)
समझ लें कि देश के नागरिक के पास कोई कारण ऐसा नहीं होगा, जिससे वह अधिकारियों को संतुष्ट कर सके। वह अपनी निजता और डाटा सुरक्षा का हवाला देगा, जिसका जवाब पहले से तैयार है कि सारा डाटा सुरक्षित है।
चूंकि विपक्ष खुद चाहता है कि डुप्लीकेट वोटर जल्दी खत्म हो तो वह भी इसका ज्यादा विरोध नहीं कर पाएगा। (aadhar voter id ink)