कर्नाटक के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने दवाब की राजनीति शुरू कर दी है। प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने की चर्चाओं के बीच उन्होंने कह दिया है कि पार्टी को उनकी जरुरत है। उन्होंने कहा है कि जब तक शहरी निकायों और पंचायती चुनाव नहीं हो जाते हैं तब तक पार्टी को उनकी जरुरत है। जिस तरह से मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके समर्थकों ने ऐलान कर दिया है कि मुख्यमंत्री पद पर कोई वैकेंसी नहीं है और ढाई ढाई साल तक सत्ता की साझेदारी का कोई समझौता नहीं हुआ है। उसी तरह डीके शिवकुमार ने ऐलान किया है कि वे प्रदेश अध्यक्ष पद नहीं छोड़ेंगे।
इसके साथ ही कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर दबाव डालने के लिए वे ईशा सेंटर वाले जग्गी वासुदेव के महाशिवरात्रि के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह थे। अमित शाह के साथ कार्यक्रम में शामिल होने पर जब सवाल उठा तो शिवकुमार ने कहा कि वे हिंदू के रूप में जन्मे हैं और हिंदू ही रहेंगे। इससे पहले वे अपनी बेटी के साथ महाकुंभ में डुबकी लगाने भी पहुंचे थे। राजनीति में कुछ भी संभव है फिर भी अभी नहीं लग रहा है कि वे भाजपा के साथ जाएंगे। लेकिन उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व को संकेत दे दिया है कि उनके लिए भाजपा अछूत नहीं है।