दिल्ली में पहली बार की विधायक रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाया गया था तो ऐसा लगा था कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात आदि राज्यों की तरह दिल्ली में भी वे दिखावे की मुख्यमंत्री होंगी और दूसरे लोग सरकार चलाएंगे। लेकिन जानकार सूत्रों का कहना है कि वे पूरी तरह से कमान में हैं। वे रोजमर्रा के सारे कामकाज खुद निपटा रही हैं और सरकारी अधिकारियों से हर कामकाज की रिपोर्ट खुद ले रही हैं। दिल्ली की नौकरशाही को यह मैसेज है कि वे रेखा गुप्ता के हिसाब से काम करें। यह भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री बनने से चूक गए प्रवेश वर्मा को लग रहा था कि वे डिफैक्टो सीएम हो जाएंगे लेकिन उनकी मंशी भी नहीं पूरी हुई है। उनको अपने मंत्रालय तक सीमित कर दिया गया है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि दिल्ली के अनके वरिष्ठ अधिकारी मान रहे थे कि रेखा गुप्ता एक बार निगम पार्षद रही हैं और पहली बार की विधायक हैं तो उनको हैंडल करना आसान होगा। यह भी माना जा रहा था कि वे ज्यादा हाई प्रोफाइल नहीं हैं तो अपनी ताकत नहीं दिखाएंगी। लेकिन रेखा गुप्ता ने सबको गलत साबित कर दिया है। वे दिल्ली नगर निगम में जिन अधिकारियों के साथ काम कर चुकी हैं उनके साथ भी उनका रवैया बॉस वाला दिख रहा है। वे पुराने सिस्टम से काम कर रही हैं। ऑनलाइन रिपोर्ट भेज देने और काम की इतिश्री कर लेने वाले अधिकारियों की उन्होंने हाजिरी लगवाई है और रिपोर्ट की कॉपी सामने रखने को भी कहा है। वे कामकाज की हर रिपोर्ट खुद देख रही हैं।