कांग्रेस पार्टी खुल कर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के एजेंडे का समर्थन कर रही है। पार्टी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एजेंडे का भी समर्थन कर रही है। ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस नेता राष्ट्रीय स्तर पर बने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को राज्यों में रिपीट करना चाहती है। इसी योजना के तहत स्टालिन और ममता के प्रति सद्भाव दिखाया जा रहा है। तभी राहुल गांधी ने संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन मतदाता सूची में गड़बड़ी का मामला उठाया, जिस पर तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने उनका साथ दिया। अब कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री परिसीमन और नई शिक्षा नीति के मसले पर एमके स्टालिन के एजेंडे का समर्थन कर रहे हैं।
पिछले दिनों स्टालिन ने इस मसले पर अपने राज्य की सभी पार्टियों की बैठक बुलाई तो कांग्रेस नेता उसमें शामिल हुए। बाद में स्टालिन की ओर से सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों को 22 मार्च की बैठक का न्योता भेजे जाने के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने समर्थन किया और उसमें शामिल होने पर सहमति दी। हालांकि तब उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि इस बारे में पार्टी आलाकमान फैसला करेगा। अब सिद्धारमैया ने कहा है कि शिवकुमार कर्नाटक की तरफ से स्टालिन की बैठक में जाएंगे। इसका मतलब है कि कांग्रेस आलाकमान ने सहमति दे दी है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भी खुल कर स्टालिन की पहल का समर्थन किया। कांग्रेस आलाकमान की हरी झंडा के बाद अब दोनों राज्यों के प्रतिनिधि 22 मार्च की बैठक में शामिल होंगे।