Maharashtra: बहुत समय नहीं बीता जब संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने का विवाद हुआ था। पिछली ही लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर आरोप लगा था कि उन्होंने पैसे लेकर किसी खास कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने वाले सवाल पूछे। वे इसकी वजह से बरखास्त की गई थीं। उससे पहले 2005 में बड़ा मामला हुआ था, जब 11 सांसदों को संसद में सवाल पूछने के मामले में बरखास्त किया गया था। उसमें से ज्यादातर भारतीय जनता पार्टी के सांसद थे। अब भारतीय जनता पार्टी के शासन वाले महाराष्ट्र का एक अजीबोगरीब किस्सा सामने आया है।
महाराष्ट्र में पैसे लेकर सवाल पूछने की जगह उससे ज्यादा बड़ा मामला सामने आया है। वहां पैसे लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाने का मामला सामने आया है। इसका भंडाफोड़ तो उद्धव ठाकरे की शिव सेना ने किया है लेकिन भाजपा और उसकी सहयोगी एनसीपी के नेता भी इससे सहमत दिख रहे हैं। (Maharashtra)
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विधानसभा स्पीकर के ऑफिस को पैसे देकर मैनेज करने का आरोप (Maharashtra)
उद्धव ठाकरे की शिव सेना के नेता भास्कर जाधव ने बुधवार को यह कह कर सनसनी मचा दी कि विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर के कार्यालय को पैसे देकर मैनेज किया गया है। उन्होंने सीधे स्पीकर पर आरोप नहीं लगाया लेकिन कहा जा रहा है कि अनेक विधायकों ने उनके कार्यालय को मैनेज किया है।
इसके लिए पैसे दिए गए हैं और बदले में उन विधायकों के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को मंजूरी दी जा रही है। वे ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए अलग अलग मुद्दे उठा रहे हैं। निश्चित रूप से ये मुद्दे उठाने के पीछे उनका कोई हित होगा, जो जांच होने पर सामने आएगा। (Maharashtra)
भाजपा की सहयोगी और सरकार में शामिल अजित पवार की एनसीपी ने इससे सहमति जताई है और कहा कि अचानक विधानसभा में ढेर सारे ध्यानाकर्षण प्रस्ताव आने लगे हैं। ज्यादा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव आने से विधायकों को बजट पर अपनी बात रखने का मौका नहीं मिल पा रहा है। अब देखना है कि इसकी जांच कैसे होती है और क्या कार्रवाई होती है।