आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस के नेता जगन मोहन रेड्डी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनके परिवार का विवाद राजनीति में पहुंच गया है। उनकी बहन और कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने भी मांग की है कि अडानी मामले में जगन मोहन की जांच होनी चाहिए। राज्य में सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी तो चाहती ही है कि जगन मोहन रेड्डी की जांच हो। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू जांच की बात कह चुके हैं पर मुश्किल यह है कि इस मामले में जांच होगी तो आंच केंद्र सरकार के एक विभाग और कारोबारी गौतम अडानी तक जाएगी। इस बात को जगन समझ रहे हैं तभी उन्होंने सामने आकर कहा कि उनकी सरकार का समझौता भारत सरकार के साथ हुआ है। Y S Sharmila Jagan Mohan
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बाद में खबर आई है कि भारत सरकार ने बड़ी नीतिगत छूट दी थी, जिसके बाद सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के साथ आंध्र प्रदेश की तत्कालीन सरकार का समझौता हुआ था। सो, ऐसा लग नहीं रहा है कि इस मामले की जांच कहीं पहुंचेगी या इसमें जगन मोहन रेड्डी फंसेंगे। लेकिन उनकी बहन वाईएस शर्मिला ने जांच की मांग करके अपना इरादा जाहिर कर दिया है। वे कांग्रेस पार्टी की लाइन पर ही आगे बढ़ रही हैं।
इसका यह भी अर्थ है कि निकट भविष्य में भाई और बहन के बीच संबंधों में सुधार की संभावना नहीं है। पहले कहा जा रहा था कि जगन के चुनाव हारने के बाद दोनों साथ आ सकते हैं। लेकिन चुनाव के बाद संपत्ति को लेकर परिवार का विवाद हुआ और अब शर्मिला पार्टी लाइन के हिसाब से जगन की जांच की मांग कर रही हैं। ऐसे में लग रहा है कि वे विपक्षी राजनीति में जगन का स्पेस लेने के प्रयास में हैं।