वीरभद्र को मिल सकती है चुनावी जिम्मेदारी

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के अंदर फिर घमासान छिड़ा है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खु फिर आमने सामने हैं। दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोला है। ध्यान रहे सुक्खु छह साल तक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। वीरभद्र सिंह के पांच साल मुख्यमंत्री रहते सुक्खु ही प्रदेश अध्यक्ष थे। तब भी दोनों के बीच बिल्कुल नहीं बनती थी। अब जबकि सुक्खु को अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है तो वीरभद्र ने आरोप लगाया है कि उन्होंने प्रदेश में कांग्रेस संगठन को पूरी तरह से बरबाद कर दिया है। दूसरी ओर सुक्खु ने वीरभद्र सिंह पर आरोप लगाया है कि वे बंद कमरे में बैठ कर राजनीति करने वाले हैं और उनकी वजह से कांग्रेस कमजोर हुई है।
इस लड़ाई में कांग्रेस आलाकमान को संतुलन बनाने का फैसला करना है। पार्टी ने कुलदीप राठौड़ को प्रदेश अध्यक्ष बना है। वे दोनों खेमों के प्रति तटस्थ रहने वाले हैं। इस बीच चर्चा है कि कांग्रेस पार्टी वीरभद्र सिंह को लोकसभा चुनाव में कुछ बड़ी जिम्मेदारी देने पर विचार कर रही है। उनको चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाया जा सकता है। उनको एक बार फिर चुनाव लड़ने के लिए भी कहा जा सकता है। वे और उनके बेटे दोनों इस समय विधायक हैं। वे अपनी पत्नी प्रतिभा सिंह को चुनाव लड़ा सकते हैं। वे उनकी पारंपरिक मंडी सीट से लोकसभा सांसद रह चुकी हैं।
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