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ट्रंप टूट पड़े, मगर जेलेंस्की डटे रहे!

वह कूटनीति नहीं है। विचार-विमर्श नहीं था। बहस भी नहीं थी। वह अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप और उपराष्ट्रपति वेंस का यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की पर मानों टूट पड़ना था। औकात बतलाना था। धमकाना था। अमेरिकी नेताओं के शब्दों और शैली में कड़वाहट थी। ओवल आफिस में उस दिन कूटनीतिक शिष्टाचार की धज्जियाँ उड़ गयीं।  सारी दुनिया ने वाशिंगटन के ओवल आफिस में पतन, गिरावट का तमाशा देखा।

हालांकि शुरूआत सौजन्यतापूर्ण थी। ट्रंप खुश थे और जेलेंस्की घबराए हुए, हैरान-परेशान से। परंपरा के अनुसार ट्रंप ने दरवाजे पर जेलेंस्की का स्वागत किया, हाथ मिलाया, थम्बस अप का इशारा किया और उनका हाथ अपने हाथ में लेकर ऊपर उठाया। लेकिन फिर दोनों नेताओं की बातचीत के बाद प्रेस कांफ्रेस में अचानक सब कुछ बदल गया। हमने जो कुछ टीवी पर लाइव देखा वह किसी रियलिटी शो की तरह था। जोर-जोर से चीखने-चिल्लाने की नौबत तो नहीं आई, लेकिन हालात इसके बहुत नजदीक तक पहुंच गए थे।

यूक्रेन के जेलेंस्की ने नरेन्द्र मोदी, इमेन्युअल मेक्रान और किएर स्ट्रेमर की तरह ट्रंप की खुशामद करने की रणनीति नहीं अपनाई। बल्कि सन् 2014 से अब तक के अपने देश के संघर्ष का जिक्र किया। यह बताया, याद कराया कि व्लादिमीर पुतिन अतीत में हुए कई समझौते तोड़ चुके हैं। “आप किस तरह की कूटनीति की बात कर रहे हैं जेडी”, जेलेंस्की ने अंग्रेजी में कहा।  उनकी अंग्रेजी बहुत अच्छी नहीं थी लेकिन वे व्यंग्य कर रहे हैं, यह साफ़ था।

बस, उपराष्ट्रपति वेन्स को मानों मुंहमांगी मुराद मिल गई हो। वे शायद जेलेंस्की पर हल्ला बोलने के लिए मौका तलाश रहे थे। वेन्स को शायद इस मुलाकात में सिर्फ इसलिए शामिल किया गया था ताकि वे बातचीत में कटुता घोल सकें।  उपराष्ट्रपति ने जेलेंस्की की ओर मुखातिब होते हुए उन पर अमेरिकी मदद के लिए अहसानमंद न होने का आरोप जड़ दिया। “क्या आपने कभी थैंक्यू कहा,” वेंस ने उनसे पूछा। और उसमें यह भी जोड़ा कि यूक्रेनियाई नेता उनके मेजबान ट्रंप का अपमान कर रहे हैं।

वेंस ने अपने देश के मामले की वकालत सार्वजनिक रूप से करने के लिए जेलेंस्की को कोसा भी। इससे माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया। जेलेंस्की ने गंभीरता, नाराजगी और मायूसी के साथ अपने और अपने देश के सम्मान की रक्षा की खातिर कुछ बोलने का प्रयास किया। लेकिन ट्रंप और वेन्स ने टीवी पर भारी नजर आने के लिए एक साथ उन पर शाब्दिक बाणों की बौछार कर दी। घावों पर नमक छिड़कते हुए राष्ट्रपति के नये प्रेस पूल में शामिल दक्षिणपंथी रियल अमेरिकास वाईस से जुड़े पत्रकार ब्रायन ग्लेंन ने जेलेंस्की से कहा “आप सूट क्यों नहीं पहनते?” और उसके बाद यह भी, “क्या आपके पास सूट हैं भी?”

देशों के बीच विवाद और तनाव होते हैं, समझौते खटाई में पड़ते हैं और कटु बातचीत भी होती है।  लेकिन यह सब पर्दे के पीछे, दुनिया की नजरों से दूर होता है। इसे ही कूटनीति कहा जाता है। लेकिन एक ऐसे देश के राष्ट्रपति से, जो तीन सालों से युद्ध झेल रहा है, अपने देश को मलबे के ढेर में तब्दील होते देख रहा है, जिसके नागरिकों को मौत के घाट उतारा जा रहा है, उस पर हमला करते राष्ट्रपति ट्रंप ने यह कहा कि “आप बहुत बोल चुके। इस मुकाबले में आप जीत नहीं रहे हैं”। एक बार तो ट्रंप ने काफी बेअदबी से लगभग चिल्लाते हुए जेलेंस्की से कहा ‘‘अगर आपके हालात कुछ हद तक ठीक-ठाक हैं तो यह हमारे कारण है‘‘।

मुलाकात के पहले ऐसे कयास थे कि दोनों नेताओं के तनावपूर्ण ताल्लुकात कुछ बेहतर हुए हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्ट्रेमर के साथ एक दिन पहले हुई एक प्रेसवार्ता में ट्रंप ने जोरदार ढंग से इस बात का खंडन किया था कि उन्होंने जेलेंस्की को तानाशाह कहा था। इससे उलट, उन्होंने कहा कि यूक्रेनी नेता “बहुत हिम्मत वाले हैं‘‘ और उनके मन में जेलेंस्की के प्रति ‘‘बहुत सम्मान है‘‘।

जेलेंस्की को नीचा दिखाने का सिलसिला बातचीत शुरू होने के करीब 40 मिनट बाद शुरू हुआ। इसके पहले तक दोनों देशों के बीच होने वाले आर्थिक समझौते पर सौहार्दपूर्ण बातचीत हुई और ट्रम्प ने साफ़ लफ़्ज़ों में न सही मगर यह भरोसा दिलाया कि यूक्रेन-रूस युद्ध समाप्त होने के बाद अमेरिका यूक्रेन का साथ देगा। लेकिन इस सार्वजनिक कहासुनी के बाद जेलेंस्की से व्हाईट हाउस से चले जाने के लिए कहा गया। पहले से तय दोनों नेताओं की पत्रकार वार्ता रद्द कर दी गयी है।

साथ ही यूक्रेन के दुर्लभ खनिजों की बिक्री से जो मुनाफा होगा, उसके बंटवारे के बारे में एक करार पर दस्तखत होने का कार्यक्रम भी रद्द कर दिया गया।  जैसे ही मीडिया ओवल आफिस से बाहर गया, अमेरिकी और यूक्रेनी अलग-अलग कमरों में चले गए। ट्रंप और वेन्स ने आपस में चर्चा की और यह तय पाया कि जेलेंस्की से बातचीत बढ़िया रही है। वे इससे नाराज़ थे कि जेलेंस्की प्रेस के सामने नौटंकी कर रहे थे। फिर यह तय हुआ कि जेलेंस्की की बाकी यात्रा रद्द कर दी जाए।

जेलेंस्की के नजदीकी लोगों ने माना कि बैठक बेनतीजा और नाकामयाब  रही। उनमें से एक का कहना था कि सारी समस्या जे. डी. वेंस की वजह से हुई। एक दूसरे का कहना था कि “जेलेंस्की के लिए यह ज़रूरी था कि वे अपने को कमज़ोर न दिखाएँ ताकि बातचीत में उनका पलड़ा मज़बूत बना रहे। लेकिन फिर तनातनी हो गयी।‘‘ एक वरिष्ठ यूक्रेनी सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि वेन्स इस बात से बहुत प्रसन्न नजर आ रहे थे कि चर्चा शुरू ही नहीं हो पाई। उसका कहना था कि ‘‘वे यह तय करके आए थे कि उन्हें खेल बिगाड़ना है और यह काम उन्होंने बहुत पेशेवराना ढंग से किया‘‘।

जेलेंस्की इस विवाद से उबर नहीं पाएंगे। ट्रंप रंजिश पालने वाले और कभी माफ न करने वाले व्यक्ति हैं। जो चीज़ उन्हें खल जाती है, वे उसे भूलते नहीं हैं। इस घटनाक्रम से ट्रंप के लिए अपने सबसे अच्छे मित्र पुतिन से मधुर संबंधों को और मधुर बनाना आसान हो गया है। ट्रंप ने जेलेंस्की के बारे में उनके सामने कहा, “देखिये,देखिये इन्हें पुतिन से कितनी नफरत है। इस तरह की नफरत के चलते मेरे लिए समझौता करवाना बहुत मुश्किल होगा‘‘।

ट्रंप का व्लादिमीर पुतिन के प्रति इतना प्रशंसाभाव और जेलेंस्की के प्रति इतना द्वेष बहुत कुछ कहता है।

मास्को ने इस तमाशे के हर क्षण का पूरा आनंद लिया। शायद यह पुतिन को खुश करने के लिए ही किया गया था! रूस की सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष द्विमित्री मेडवेडेव ने कहा-“उस बदतमीज़ सूअर को आखिरकार ओवल आफिस में एक जोरदार थप्पड़ पड़ा।”,  और यह भी जोड़ा कि “किएव के शासक तीसरे विश्वयुद्ध का खतरा पैदा कर रहे हैं‘‘।

यूक्रेन की आगे की राह बहुत कठिन है। अमेरिका की मदद के बिना यूक्रेन डटकर खड़ा नहीं रह सकता। जहां तक यूरोप का सवाल है, वह अमेरिकी छतरी तले कई पीढ़ियों से चैन की बंसी बजाता रहा है। अमेरिका तो है न – इस भाव के चलते उसने अपनी रक्षा के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किये हैं।  उसकी फौजी ताकत काफी कम है । उसके पास  ज़रूरी संख्या में लड़ाकू हवाईजहाज़, सैनिकों को ले जाने वाली बख्तरबंद गाड़िया, टैंक और तोपें नहीं है। रूस यदि दुबारा यूक्रेन पर हमला कर दे तो  यूरोप के पास उसकी रक्षा करने के लिए ज़रूरी फौजी ताकत नहीं है। इस बात की भी संभावना है कि इस तू-तू मैं-मैं के बाद जेलेंस्की पर देश के अंदर पद छोड़ने और चुनाव करवाने का दबाव आए। यह युद्ध के दौरान मार्शल लॉ हटाए बिना कैसे संभव होगा यह साफ नहीं है। और अगर चुनाव होंगे भी तो उससे अफरातफरी का माहौल बन जायेगा।

इस विवाद के बाद ट्रंप ने कहा, “इसे टीवी पर देखना बहुत मजेदार होगा।” यह बात बिल्कुल ठीक है। बिग बॉस की तरह घिनौना और द अपरेंटिस की तरह भयावह। बस इतना ही नहीं हुआ कि ट्रंप जेलेंस्की की तरफ अपनी मोटी अंगुली उठाकर जोर से चिल्लाते, “तुम्हें बर्खास्त किया जाता है”। वहां कड़वाहट से भरा, एक अपमानित राष्ट्रपति हाथ बांधे बैठा था। बनावटी मुस्कान चेहरे पर लिए वेन्स थे और दमकते हुए ट्रंप थे। ओवल ऑफिस के लोग शायद माने यह एक अच्छा दिन था!  (कॉपी: अमरीश हरदेनिया)

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