कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियां भाजपा से निपटने के लिए उसी के हथियार आजमा रही है। अब तक भाजपा इन्फॉर्मेशन, मिसइन्फॉर्मेशन और डिसइन्फॉर्मेशन कैंपेन के जरिए राहुल गांधी और दूसरे विपक्षी नेताओं का शिकार करती थी। याद करें कैसे आलू से सोना बनाने वाली बात का राहुल गांधी के खिलाफ इस्तेमाल हुआ। राहुल गांधी ने असल में कहा था कि ‘मोदीजी आएंगे तो कहेंगे कि इधर से आलू डालो उधर से सोना निकलेगा’।
लेकिन इसका आधा हिस्सा काट दिया गया और प्रचारित किया गया कि राहुल गांधी आलू से सोना बनाने की बात कर रहे हैं। आजतक इसके लिए राहुल का मजाक बनाया जाता है। कई मंच से भाजपा के सर्वोच्च नेताओं ने इसका जिक्र किया, जबकि वे जानते थे कि यह गलत बात है। ऐसे ही याद करें कैसे अमित शाह ने भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच अखिलेश यादव के अपने पिता को थप्पड़ मारने की बात के झूठे प्रचार के बारे में बताया था। Ambedkar row
राहुल गांधी के बयान पर भाजपा की राजनीति, विपक्ष ने पलटा वार
सबसे ताजा मामला यह है कि पिछले दिनों अमेरिका यात्रा के दौरान राहुल गांधी से जब पूछा गया कि भारत में आरक्षण कब खत्म होगा तो उन्होंने कहा था कि भारत में जब असमानता खत्म हो जाएगी और आरक्षण की जरुरत नहीं रह जाएगी तब आरक्षण खत्म हो जाएगा। इतनी समझदारी भरी बात का भाजपा ने बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना दिया। भाजपा ने राहुल गांधी को आरक्षण विरोधी होने की बात पर चुनाव में प्रचार किया। Ambedkar row
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद राहुल गांधी को इस बयान के आधार पर आरक्षण विरोधी ठहराया। कांग्रेस के नेता सफाई देते रहे और दावा करते रहे कि राहुल के बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया जा रहा है, लेकिन भाजपा ने अपने प्रचार तंत्र के दम पर बाजी मार ली। लेकिन अब कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों ने भाजपा को उसी की दवा का स्वाद चखा दिया है।
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यह संभवतः पहली बार हो रहा है कि भाजपा के नंबर दो नेता अमित शाह को कहना पड़ रहा है कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनके भाषण के 10-12 सेकेंड का अंश काट कर उसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी सफाई में छह छह ट्विट करने पड़े। भाजपा का पूरा प्रचार तंत्र यह साबित करने में लगा है कि अमित शाह ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के बारे में कोई अपशब्द नहीं कहा है या कोई अपमानजनक बात नहीं कही है। Ambedkar row
यह सही भी है कि अमित शाह ने अंबेडकर के लिए कुछ भी अपमानजनक नहीं कहा है फिर भी वह घिरी है। यह गलत नैरेटिव बनाने का मामला है। लेकिन क्या भाजपा स्वीकार करेगी कि उसने आलू से सोना बनाने की बात का जो अभियान राहुल गांधी के खिलाफ चलाया या उनके बयान का गलत अर्थ निकाल कर उनको आरक्षण विरोधी बताने का जो प्रचार लोगों के बीच किया गया वह गलत है? जाहिर है भाजपा इसे स्वीकार नहीं करेगी। अभी वह घिरी है तो कांग्रेस पर मिसइन्फॉर्मेशन फैलाने के आरोप लगा रही है लेकिन हकीकत यह है कि इसकी शुरुआत तो भाजपा ने ही की। बातों को तोड़ मरोड़कर कैसे उसका राजनीति इस्तेमाल किया जाता है यह भाजपा ने बाकी सभी पार्टियों को सिखाया है। आज उसी की सीख उस पर भारी पड़ गई है।