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सागर में सामाजिक समरसता का महाकुंभ

भोपाल। बुंदेलखंड के मुख्यालय कहे जाने वाले सागर में सामाजिक समरसता का महाकुंभ होने जा रहा है। 12 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। प्रदेश के विभिन्न जिलों से शुरू हुई यात्राएं भी सागर पहुंचेगी। जहां पर संत रविदास के बनने वाले 100 करोड़ के मंदिर का शिलान्यास होगा।

दरअसल, प्रदेश में विधानसभा 2023 चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस जहां से भी बन पड़ रहा है समर्थन जुटाने का जतन कर रहे हैं। कोई भी दल इसी प्रकार के कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता। कांग्रेस जहां दलित आदिवासी वर्ग के छोटे-छोटे मुद्दे उठा रही है और नई – नई योजनाओं की तलाश कर रही है, वहीं भाजपा का पूरा फोकस दलित और आदिवासी वर्ग को अपनी ओर करने का है। पिछले एक वर्ष जहां आदिवासी वर्ग को अपनी और करने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंकी हुई है। राष्ट्रपति आदिवासी वर्ग से बनाया, कमलापति स्टेशन का नाम रखना, टंट्या मामा पर कार्यक्रम हुए। जनजातीय गौरव दिवस मनाने की घोषणा हुई। ऐसे अनेकों काम है जो लगातार इस वर्ग के बीच पार्टी करते आ रही है और अब पार्टी का पूरा फोकस दलित वर्ग पर है। जिसके लिए सामाजिक समरसता को आधार बनाकर प्रदेश में पांच जगह से यात्राएं निकाली गई जो कि 45 जिलो जिलों से होती हुई 12 अगस्त को सागर के बडतुमा गांव पहुंचेंगे। 18 दिन में 43 जिलों से गांव की मिट्टी और नदियों का जल लेकर सागर पहुंचेंगे। इस दौरान 55,000 गांव में से एक मुट्ठी अन्न और मिट्टी, 313 विकासखंड से नदियों का जल इकट्ठा किया जाएगा। 244 स्थानों पर जनसंवाद के कार्यक्रम होंगे।

जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय प्रादेशिक नेता संत समाज सहित 5000 प्रतिभागी सहभागिता करेंगे। यह यात्राएं 11 अगस्त की शाम तक सागर पहुंच जाएंगे और 12 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सागर जिले की प्रतिमा गांव में जहां संत रविदास मंदिर का निर्माण हो रहा है वहां पर एक सामाजिक समरसता के कुंभ के रूप में परिवर्तित होगी।

कुल मिलाकर प्रदेश में सामाजिक समीकरणों को साधने और सामाजिक समरसता का ऐसा वातावरण बनाने जिसमें जातीय आधार पर राजनीति करने वाले दलों को कोई गुंजाइश ना रहे। इसके लिए भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व प्रादेशिक नेतृत्व और संघ पूरी ताकत से काम कर रहा है। संघ हमेशा से एक पाठशाला, एक कुआं, एक मंदिर, एक मंडप की बात करता रहा है। अब उसको जमीनी स्तर पर अमलीजामा पहनाने के लिए अधिकतम प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं भाजपा के प्रयासों को देखते हुए प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस भी ऐसे उपाय करने जा रही है। जिससे साफ्ट हिंदुत्व की ध्वनि निकले और सामाजिक समीकरणों को साधने में मदद मिले। बुधवार देर शाम को भाजपा के सबसे बड़े रणनीतिकार गृहमंत्री अमित शाह ने एक बार फिर भाजपा के चुनिंदा नेताओं की बैठक में परिणाम मूलक कार्य करने की नसीहत दी है। पिछली यात्रा के दौरान उन्होंने जो कार्य बताए थे उस पर सत्ता और संगठन ने तेजी दिखाएं लेकिन अभी भी गुंजाइश दिखी इसी कारण शाह ने फिर से समझाइश दी है।

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