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रोहित शर्मा पर बेवजह विवाद

rohit sharma

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा को लेकर बहस छिड़ी है। निकट अतीत में शायद ही कोई ऐसा खिलाड़ी होगा, जिसको लेकर इतनी बार बहस और विवाद हुए होंगे। (rohit sharma)

अभी ज्यादा समय नहीं बीता, जब उनको मुंबई की आईपीएल क्रिकेट टीम के कप्तान से हटाने पर विवाद हुआ था। टेस्ट क्रिकेट में कप्तान रहते ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट से बाहर किए जाने का विवाद भी पुराना नहीं है।

टी20 से संन्यास लेने पर भी विवाद हुआ, जो अब तक चल रहा है। परंतु दूसरी ओर रोहित शर्मा इस देश के लोगों का सबसे ज्यादा प्यार और समर्थन पाने वाले खिलाड़ियों में भी शामिल हैं। लोग उनकी बैटिंग के दिवाने हैं तो फील्ड में उनकी मौजूदगी, उनके हावभाव, कप्तानी करने का तरीका भी लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला देता है।

इस बार  वे एक अलग किस्म की बहस में घिरे हैं। कांग्रेस पार्टी की एक अनजान सी प्रवक्ता ने अपना नाम चमकाने के लिए रोहित शर्मा पर टिप्पणी की। शमा मोहम्मद नाम की इस प्रवक्ता ने कहा कि रोहित मोटे हैं और भारत के सबसे असफल कप्तानों में से एक हैं।

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कोई तर्क या तथ्य नहीं

सोशल मीडिया में की गई उनकी टिप्पणी को लेकर देश, समाज, राजनीति और मीडिया बंटे हुए हैं। हालांकि क्रिकेट बिरादरी में इस पर एक राय है कि यह बेहूद बयान है, जिसके पीछे कोई तर्क या तथ्य नहीं है। ((rohit sharma)

बाकी देश, राजनीति, समाज और मीडिया खास कर सोशल मीडिया में जो बहस और वैचारिक विभाजन है वह इस बयान की गुणवत्ता पर नहीं है। वहां बहस मोटे तौर पर राजनीतिक, जातीय और सांप्रदायिक हो गई है।

एक बड़ा वर्ग शमा मोहम्मद के पक्ष में यह कह कर खड़ा हुआ है कि रोहित शर्मा ब्राह्मण हैं और शमा मोहम्मद मुस्लिम हैं इसलिए ब्राह्मणवादी व सांप्रदायिक मीडिया इस पर आपत्ति कर रहा है, अन्यथा इस बयान में कुछ भी गलत नहीं है।

हालांकि कांग्रेस पार्टी ने अपनी प्रवक्ता का पोस्ट डिलीट करा दिया है लेकिन उसकी प्रवक्ता का समर्थन करने वाला वर्ग वही है, जो राहुल गांधी के जाति नैरेटिव का समर्थन करता है और मीडिया से लेकर नौकरशाही और यहां तक की मिस इंडिया में भी आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व खोजता है।

दूसरी ओर रोहित का समर्थन करने वाला एक बड़ा वर्ग उनके पक्ष में आंकड़े और तर्क पेश कर रहा है लेकिन एक वर्ग निश्चित रूप से ऐसा है, जो मुस्लिम और पाकिस्तान का मुद्दा इसमें घुसा रहा है। ((rohit sharma)

रोहित शर्मा को किसी के प्रमाणपत्र की जरुरत नहीं ((rohit sharma)

हकीकत यह है कि रोहित शर्मा को इन दोनों में से किसी के प्रमाणपत्र की जरुरत नहीं है। भारत ही नहीं, बल्कि विश्व क्रिकेट के सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में से एक सुनील गावसकर ने क्रिकेटिंग लॉजिक्स के हिसाब से रोहित शर्मा का पक्ष रखा है और कांग्रेस प्रवक्ता के बयान को गैरजरूरी और गलत बताया है।

असल में कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने बयान जिस मकसद से दिया था उनका वह मकसद पूरा हो गया है। देश भर के लोग उनका नाम जान गए हैं। उनके नाम पर बहस हो रही है। ((rohit sharma)

उनके मुस्लिम होने भर से उनके बयान के गुणदोष में गए बिना भाजपा विरोधी इकोसिस्टम उनका समर्थन और बचाव कर रहा है। यह स्थापित किया जा रहा है कि मुस्लिम होने की वजह से उनको निशाना बनाया जा रहा है।

लेकिन क्या सचमुच ऐसा है? और जो उन्होंने कहा है क्या उसकी पड़ताल नहीं होनी चाहिए? उन्होंने जो कहा है और जो लोग भी उनका बचाव कर रहे हैं, उन सबको इस बयान के असली मकसद के बारे में जानना चाहिए और यह भी जानना चाहिए कि तथ्यात्मक रूप से यह कितना गलत है। ((rohit sharma)

ध्यान खींचने के लिए रैंडम पोस्ट  

कांग्रेस प्रवक्ता ने यह बयान सिर्फ लाइमलाइट में आने के लिए दिया यह मानने का आधार यह तथ्य है कि इससे पहले क्रिकेट पर उन्होंने कोई सोशल मीडिया पोस्ट नहीं डाली है। (rohit sharma)

उनके एक्स हैंडल पर कई महीनों में कोई पोस्ट क्रिकेट या किसी खिलाड़ी को लेकर नहीं आई है, जबकि इस दौरान खूब क्रिकेट खेली गई है। विवाद के बाद ऑस्ट्रेलिया पर भारत की जीत की बधाई उन्होंने जरूर दी है लेकिन उससे पहले इसी टूर्नामेंट में पाकिस्तान या न्यूजीलैंड के खिलाफ जीत पर उनकी कोई पोस्ट नहीं है।

अगर वे क्रिकेट की प्रशंसक होतीं और क्रिकेट से जुड़े पोस्ट डाल रही होतीं तो उनकी इस पोस्ट पर कोई सवाल नहीं उठता। चूंकि यह एक रैंडम पोस्ट है। इसलिए जाहिर है कि ध्यान खींचने के लिए यह लिखा गया।

अब रही बात रोहित शर्मा के मोटे होने की तो यह एक तथ्य है, जिससे कोई इनकार नहीं कर सकता है। इसके बावजूद रोहित शर्मा टीम में चुने जाने के लिए सारे जरूरी फिटनेस टेस्ट पास करते हैं तभी उनको चुना जाता है।

इन दिनों चयन समिति के पास नाम जाने से पहले सभी खिलाड़ियों को मुश्किल फिटनेस टेस्ट से गुजरना होता है। वे टीम में चुने जा रहे हैं इसका मतलब है कि फिटनेस टेस्ट पास कर रहे हैं। ((rohit sharma)

इसलिए उनके वजन या उनकी शारीरिक संरचना पर सवाल उठाना ठीक नहीं होगा। यह एक तरह से उनकी शारीरिक संरचना का जिक्र करके उनका मजाक उड़ाना या उनका अपमान करना है।

इसी तरह की शारीरिक संरचना वाले सरफराज खान या कुलदीप यादव या मोहम्मद समी जैसे कई खिलाड़ी भारतीय टीम में हैं। कई सर्वकालिक महान खिलाड़ी इसी शारीरिक संरचना वाले रहे हैं।

सर्वकालिक महान कप्तान (rohit sharma)

श्रीलंका को विश्व कप जिताने में सबसे बड़ी भूमिका निभाने वाले अर्जुन रणातुंगा और अरविंद डिसिल्वा या पाकिस्तान को विश्व कप जिताने में बड़ी भूमिका निभाने वाले इंजामामुल हक और जावेद मियांदाद को जिसने खेलते देखा है वह रोहित शर्मा के बारे में ऐसी बातें नहीं कर सकता है।

शेन वॉर्न और उनसे पहले डेविड बून, मैथ्यू हेडन, ग्राहम गूच, एलन बॉर्डर तक सैकड़ों खिलाड़ियों की मिसाल दी जा सकती है, जो शमा मोहम्मद के मोटापे की परिभाषा के दायरे में आते हैं। ((rohit sharma)

लेकिन सबने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बड़ा मुकाम बनाया, जैसा कि रोहित शर्मा ने बनाया है। क्रिकेट कौशल का खेल है इसलिए खिलाड़ियों को उस कसौटी पर कसना चाहिए।

एक खिलाड़ी और कप्तान के रूप में रोहित शर्मा का रिकॉर्ड ऐसा है, जो उनको सर्वकालिक महान खिलाड़ी और सर्वकालिक महान कप्तान की श्रेणी में शामिल कराता है।

उनको असफल कप्तान कहने वाली कांग्रेस की प्रवक्ता को शायद पता नहीं होगा कि रोहित क्रिकेट इतिहास के इकलौते कप्तान हैं, जो अपनी टीम को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कौंसिल यानी आईसीसी की हर टूर्नामेंट के फाइनल में लेकर गए हैं। उनकी कप्तानी में भारत वनडे क्रिकेट के फाइनल में पहुंचा और टी20 क्रिकेट का विश्वकप जीता।

उनकी कप्तानी में टीम अभी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची है। उनकी कप्तानी में भारत वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भी पहुंचा था। इसके अलावा उनकी कप्तानी में भारत दो बार एशिया कप जीत चुका है। ((rohit sharma)

वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा छक्के लगाने वाले खिलाड़ी

एक खिलाड़ी के रूप में रोहित वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा अर्धशतक लगाने वाले तीसरे खिलाड़ी हैं। उनसे ऊपर सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली हैं। इसी टूर्नामेंट में रोहित वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा छक्के लगाने वाले खिलाड़ी बने हैं। (rohit sharma)

उन्होंने वेस्टइंडीज के क्रिस गेल का रिकॉर्ड तोड़ा। उन्होंने टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में विश्व में सबसे ज्यादा रन बनाए हैं। एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा दोहरा शतक उनके नाम से है। क्रिकेट विश्व कप में सबसे ज्यादा शतक उनके नाम से है।

टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक भी उनके नाम है। एक विश्व कप में सबसे ज्यादा शतक लगाने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उन्होंने करीब 20 हजार रन बनाए हैं। ((rohit sharma)

वे दुनिया के इकलौते कप्तान हैं, जिन्होंने 50 टी20 मैच जीते हैं। उनकी कप्तानी में मुंबई इंडियंस ने पांच आईपीएल ट्रॉफी जीती है। क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में रोहित शर्मा ने 141 मैचों में कप्तानी की है, जिनमें से भारत 102 में जीता है, 33 में हारा है, तीन मैच ड्रॉ हुए हैं, दो टाई हुए हैं और दो का नतीजा नहीं निकला है। कप्तान के तौर पर उनकी जीत का औसत 72 फीसदी से ऊपर का है।

एक कप्तान के तौर पर रोहित की उपलब्धियां सिर्फ आंकड़ों में नहीं है। उन्होंने टीम का निर्माण किया है। जिस तरह महेंद्र सिंह धोनी को सौरव गांगुली की बनाई एक विश्वस्तरीय टीम मिली थी वैसी टीम रोहित को नहीं मिली थी (rohit sharma)

। धोनी ने विश्व कप जीतने के बाद टीम में जाने अनजाने में गुटबाजी को ऐसे बढ़ावा दिया था, जिससे पूरी टीम बिखर गई थी। तभी गौतम गंभीर और विराट कोहली दोनों बतौर कप्तान असफल रहे।

रोहित शर्मा ने तिनका तिनका कर टीम जोड़ी है। उन्होंने खिलाड़ियों पर भरोसा दिखाया। अपने व्यवहार और अपने प्रदर्शन से टीम को रास्ता दिखाया, उसका नेतृत्व किया। ((rohit sharma)

यह अनायास नहीं था कि भारत के सर्वकालिक महान स्पिन गेंदबाजों में से एक रविचंद्रन अश्विन ने रोहित सबसे निस्वार्थ कप्तान कहा। कांग्रेस प्रवक्ता का बयान नैतिक और तथ्यात्मक दोनों तरह से गलत है। इसमें दुर्भावना भी झलकती है क्योंकि एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के बीच यह बयान दिया गया।

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