नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून के कुछ प्रावधानों पर रोक लगा दी है। इस कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर लगातार दूसरे दिन की सुनवाई में सर्वोच्च अदालत ने अंतरिम आदेश जारी किया और तीन प्रावधानों के अमल पर एक हफ्ते की रोक लगा दी। केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार एक हफ्ते तक इन प्रावधानों को लागू नहीं करेगी। सर्वोच्च अदालत ने गुरुवार को एक घंटे की सुनवाई की और अंतरिम आदेश पारित किया।
सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार को कानून पर जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया है। इसके बाद सरकार के जवाब के ऊपर याचिकाकर्ताओं को पांच दिन में जवाब देना होगा। अगली सुनवाई पांच मई को दोपहर दो बजे होगी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि कानून के खिलाफ दायर 70 याचिकाओं की जगह सिर्फ पांच याचिकाएं ही दायर की जाएं। उन्हीं पर सुनवाई होगी। बाकी याचिकाओं को आवेदन की तरह देखा जाएगा। इनको भी केस का हिस्सा माना जाएगा।
वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश, रोक जारी
सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को हुई सुनवाई के मुताबिक अगले एक हफ्ते तक तीन प्रावधानों पर रोक रहेगी। पहला, कोर्ट से जो संपत्ति वक्फ की संपत्ति घोषित है वह डी-नोटिफाई नहीं होगी, चाहे वह वक्फ बाई यूजर हो या वक्फ बाई डीड। दूसरा, कलेक्टर वक्फ संपत्ति का सर्वे करेंगे तो उसकी प्रकृति नहीं बदल सकते और कोर्ट को सूचित करेंगे। तीसरा, वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद के सभी सदस्य मुस्लिम होने चाहिए, सिवाय पदेन सदस्यों के। यानी कोई गैर मुस्लिम अभी वक्फ में नियुक्त नहीं होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से भी साफ कर दिया कि पांच मुख्य आपत्तियों पर ही सुनवाई होगी। अदालत ने कहा कि सभी याचिकाकर्ता मुख्य बिंदुओं पर सहमति बनाएं। नोडल काउंसिल के जरिए इन आपत्तियों को तय करें। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही है। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पैरवी कर रहे हैं। याचिकाकर्ताओं की ओरर से कानून के खिलाफ कपिल सिब्बल, राजीव धवन, अभिषेक मनु सिंघवी आदि पैरवी कर रहे हैं।
सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार सात दिन के भीतर एक संक्षिप्त जवाब दाखिल करना चाहती है। उन्होंने अदालत को भरोसा दिया कि अगली तारीख तक वक्फ कानून के तहत बोर्ड और परिषदों में कोई नियुक्ति नहीं होगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि वक्फ संपत्तियों की प्रकृति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। अदालत के आदेश के मुताबिक अगली सुनवाई पर सिर्फ पांच याचिकाकर्ता होंगे और पांच मुख्य आपत्तियां होंगी, जिन पर सुनवाई होगी।
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