Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

नए आपराधिक बिल लोकसभा से पास

नई दिल्ली। अंग्रेजों के जमानो में बने आपराधिक कानूनों को बदलने वाले तीन ऐतिहासिक बिल बुधवार को लोकसभा से पास हो गए। विपक्षी पार्टियों की गैरमौजूदगी में सरकार ने इन विधेयकों को ध्वनिमत से पास कराया। गौरतलब है कि विपक्ष के ज्यादातर सांसद संसद की सुरक्षा में चूक के मसले पर विरोध प्रदर्शन करने की वजह से पहले ही निलंबित किए जा चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को इन विधेयकों को पेश किया था। बुधवार को उनके जवाब के बाद इसे पास किया गया। इसे गुरुवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा।

अमित शाह ने विधेयकों पर हुई चर्चा के बाद अपने जवाब में कहा कि अंग्रेजों के जमाने में बना राजद्रोह कानून खत्म कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि देश आजाद हो गया है और इसलिए अब इसे देशद्रोह कानून का नाम दिया गया है। शाह ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में आलोचना कोई भी कर सकता है लेकिन देश की सुरक्षा, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। नए कानूनों में नाबालिग से बलात्कार और मॉब लिंचिंग जैसे अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है। नए बदलावों के बाद बलात्कार की धारा 375 और 376 की बजाय 63 और 69 होगी, जबकि हत्या की धारा 302 की बजाय 101 होगी।

अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे तीन आपराधिक कानूनों के नाम भी बदल गए हैं। अब इंडियन पीनल कोड यानी आईपीसी का नाम होगा भारतीय न्याय संहिता। इसी तरह सीआरपीसी का नाम होगा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और ईविडेंस एक्ट का नाम होगा भारतीय साक्ष्य अधिनियम। अमित शाह ने ये तीनों बिल मॉनसून सत्र में पेश किए थे और उसे गृह मामलों की संसदीय समिति को भेज दिया गया था। समिति की ओर से दिए गए सुझावों को शामिल करने के लिए सरकार ने तीनों बिल वापस ले लिए और नए सिरे से उन्हें पेश किया, जिसे बुधवार को पास कर दिया गया।

गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीनों विधेयकों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा- नए कानून में अब पुलिस की भी जवाबदेही तय होगी। पहले किसी की गिरफ्तारी होती थी, तो उसके परिवार के लोगों को जानकारी ही नहीं होती थी। अब कोई गिरफ्तार होगा तो पुलिस उसके परिवार को जानकारी देगी। किसी भी केस में 90 दिनों में क्या हुआ, इसकी जानकारी पुलिस पीड़ित को देगी। उन्होंने कहा- ये तीनों क्रिमिनल कानून पीएम मोदी के विजन का हिस्सा हैं। जनता मांग करती थी कि हमें सजा नहीं चाहिए, हमें न्याय चाहिए। मोदी जी के नेतृत्व में आज हम वो कर रहे हैं।

शाह ने कहा- जांच में हमने फॉरेंसिक जांच पर जोर दिया है। जांच में तकनीक का इस्तेतमाल किया जाएगा उन्होंने कहा कि आज देश में तीन प्रकार की न्याय प्रणाली है, इस बिल के पास होने के बाद देश में एक तरह की न्याय प्रणाली होगी। उन्होंने दावा करते हुए कहा- आजादी के बाद पहली बार अपराध न्याय प्रणाली से जुड़े तीनों कानूनों का मानवीकरण होगा। गृह मंत्री ने कहा कि नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों को प्रभावित करने वाले कानूनों को प्राथमिकता दी गई है, उसके बाद मानव अधिकारों से जुड़े कानूनों और देश की सुरक्षा से संबंधित कानूनों को प्राथमिकता दी गई है।

Exit mobile version