मॉस्को। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत और रूस के बीच होने वाले सालाना सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रूस पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी पांच साल के बाद मॉस्को पहुंचे हैं। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद यह उनकी पहली यात्रा है। तभी इसे बेहद अहम माना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को मॉस्को में वनुकोवो-2 हवाईअड्डे पर उतरे, जहां लाल कालीन पर उनका स्वागत गार्ड ऑफ ऑनर के साथ किया गया। इस दौरान रूसी सेना ने भारतीय राष्ट्रगान की धुन बजाई। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी कार्लटन होटल पहुंचे जहां पर भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका स्वागत किया।
प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को भारत और रूस के 22वें वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इससे पहले मोदी सोमवार की रात को पुतिन के साथ प्राइवेट डिनर करेंगे। इससे पहले मोदी 2019 में रूस गए थे। मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आखिरी मुलाकात 2022 में उज्बेकिस्तान की राजधानी समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ के शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। पुतिन 2023 में भारत में हुए जी 20 सम्मेलन नहीं शामिल हुए थे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा है- प्रधानमंत्री मोदी दोनों देशों के बीच विशेष साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं। वे रूस में भारतीय समुदाय के साथ भी बातचीत करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- मॉस्को पहुंच चुका हूं। उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी और भी अधिक मजबूत होगी। रूस-मॉस्को के बीच मजबूत संबंधों से दोनों देशों की जनता का फायदा मिलेगा। मोदी ने पुतिन को दोस्त भी बताया है। मोदी का रूस दौरा ऐसे समय हो रहा है जब अमेरिका में नाटो का सम्मेलन शुरू होने जा रहा है। तभी विदेश मंत्रालय को बयान जारी कर सफाई देनी पड़ी कि मोदी के रूस दौरे का नाटो सम्मेलन से कोई मतलब नहीं है।