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दिल्ली में लागू होगा ऑड-ईवन

NEW DELHI, NOV 6 (UNI):- Commuters travel amid a thick layer of smog as the AQI level increases to severe at East Delhi on Monday. UNI PHOTO PSB3U

नई दिल्ली। वायु गुणवत्ता सूचकांक के लगातार बिगड़ने की वजह से दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू करने का फैसला किया है। दिवाली के अगले दिन यानी 13 नवंबर से 20 नवंबर तक दिल्ली में ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू होगा। इसके जरिए सड़कों पर गाड़ियों की संख्या कम की जाएगी ताकि प्रदूषण का स्तर कम किया जा सके। दिवाली के बाद हवा की गुणवत्ता और खराब होने की आशंका है। इस साल दिवाली से पहले ही दिल्ली की हवा गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है। सोमवार को लगातार चौथे दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया।

सोमवार को दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई 470 दर्ज किया गया। कई जगह यह पांच सौ से ऊपर रहा। तभी अंदाजा लगाया जा रहा है कि दिवाली के बाद हवा और प्रदूषित होगी। इस आशंकी के चलते दिल्ली सरकार ने दिवाली के अगले दिन से एक हफ्ते के लिए ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू करने का फैसला किया है। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार गैर जरूरी निर्माण, बीएस-3 कैटेगरी वाले पेट्रोल और बीएस-4 कैटेगरी वाले डीजल वाहनों पर पहले ही रोक लगा चुकी है।

दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 13 से 20 नवंबर तक गाड़ियों के लिए ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू करने का ऐलान किया। सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में प्रदूषण पर काबू पाने के लिए एक उच्चस्तरीय मीटिंग हुई थी, जिसमें यह फैसला किया गया। ऑड-ईवन फॉर्मूले के तहत अगर आपकी गाड़ी के नंबर का आखिरी अंक ऑड यानी दो से विभाजित होने वाला नहीं है, तो आप ऑड तारीख यानी 13, 15, 17, 19 नवंबर को इसे सड़कों पर चला पाएंगे। अगर आपकी गाड़ी के नंबर का आखिरी अंक अगर ईवन यानी दो से विभाजित होने वाला है तो तो ईवन तारीख यानी 14, 16, 18, 20 नवंबर को इसे सड़कों पर चला पाएंगे।

दिल्ली सरकार ने पहली बार इस योजना को 2016 में आजमाया था। 2019 में चार से 15 नवंबर तक ऑड-ईवन लागू हुआ था। पर्यावरण पर अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों का मानना है कि ऑड-ईवन फॉर्मूले से दिल्ली में प्रदूषण कम करने में मदद मिलती है। बहरहाल, इस समय दिल्ली में हवा की गुणवत्ता विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से तय की गई सीमा से सौ गुना तक ज्यादा खराब है। तभी इसमें सुधार के लिए दिल्ली सरकार कई उपाय कर रही है। सरकार ने एलएनजी, सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों, आवश्यक सेवाओं के वाहनों को छोड़कर अन्य ट्रकों की दिल्ली में एंट्री पर पाबंदी लगा दी है। इसके अलावा फ्लाईओवर, ओवरब्रिज और पावर ट्रांसमिशन पाइपलाइनों पर तोड़-फोड़ पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। जहरीली हवा को लेकर कमीशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट, सीएक्यूएम ने दिल्ली-एनसीआर की राज्य सरकारों को सरकारी और प्राइवेट ऑफिस में 50 फीसदी कर्मचारियों को ऑफिस बुलाने की अपील की है। बाकी 50 फीसदी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होने देने की सलाह दी है।

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