लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक बाबा के सत्संग में भगदड़ मच गई है, जिसमें एक सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। भोले बाबा नाम के संत का सत्संग समाप्त होने के बाद अचानक भगदड़ मची, जिसमें कुचल कर एक सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जबकि डेढ़ सौ से ज्यादा लोग घायल हुए। मरने वालों और घायलों में ज्यादा संख्या महिलाओं को बच्चों की है। घटनास्थल पर पास के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर पर चारों तक लाशें बिखरी थीं। वहां का मंजर इतना भयावह था कि उसे देख कर एक पुलिसकर्मी को दिल का दौरा पड़ गया है और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
यह हादसा हाथरस जिले से करीब 50 किलोमीटर दूर फुलरई गांव में मंगलवार दोपहर करीब एक बजे हुआ। हादसे के बाद शव और घायलों को बस और टैंपो में डाल कर सिकंदराऊ के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर यानी सीएचसी ले जाया गया और कुछ लोगों को एटा जिला अस्पताल भेजा गया। सिकंदराऊ सीएचसी के बाहर जमीन पर शव इधर उधर बिखरे हुए थे। देर रात तक मृतकों की आधिकारिक संख्या नहीं बताई गई थी लेकिन कहा जा रहा है कि यह संख्या सवा सौ के करीब हो सकती है। यह संख्या बढ़ भी सकती है। मृतकों में ज्यादातर हाथरस, बदायूं और पश्चिम उत्तर प्रदेश के हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जानकारी मिलते ही अधिकारियों को घटनास्थल पर रवाना किया। सीएम ने मुख्य सचिव मनोज सिंह और पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार को घटनास्थल पर भेजा। दो मंत्रियों को भी मौके पर भेजा गया है। घटना की जांच के लिए एडीजी आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर की टीम बनाई गई है। घटना के बाद जिले के कलेक्टर ने बताया कि एसडीएम ने कार्यक्रम की अनुमति दी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को हाथरस जाएंगे। उन्होंने हादसे पर दुख जताया और मुआवजे का ऐलान किया। हादसे में मरने वालों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए मिलेंगे और घायलों को 50-50 हजार रुपए दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री खुद बुधवार को हाथरस जाएंगे।
सत्संग करने वाले भोले बाबा का असली नाम नारायण हरि है। वे एटा के रहने वाले हैं। बताया जा रहा है कि वे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस में नौकरी करते थे। करीब 25 साल से वे सत्संग कर रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान, हरियाणा में भी उनके अनुयायी हैं। मंगलवार को उनके सत्संग में करीब 50 हजार लोग पहुंचे थे। लेकिन भीड़ को संभालने के लिए वहां कोई व्यवस्था नहीं थी, इस वजह से हादसा हुआ। बताया जा रहा है कि सत्संग के बाद बाबा का काफिले निकलने पर लोगों में उनकी चरण धूल लेने की होड़ मच गई, जिसकी वजह से हादसा हुआ। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि सत्संग खत्म होने के बाद बाहर निकलने की होड़ में धक्कामुक्की होने लगी, जिससे भगदड़ मच गई। डॉक्टरों का कहना है कि ज्यादातर मौतें दम घुटने से हुई हैं।