पटना। बिहार में नीतीश कुमार की नई बनी सरकार का बहुमत परीक्षण सोमवार होगा। मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार नौवीं बार बहुमत हासिल करने का प्रयास करेंगे। एक बार सन 2000 के अपने पहले प्रयास को छोड़ कर वे हर बार सफल हुए हैं। इस बार भी भाजपा और जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के साथ उनके पास 128 विधायक हैं, जबकि बहुमत का आंकड़ा 122 का है। हालांकि उनकी पार्टी और भाजपा के कुछ विधायकों को लेकर आशंका जताई जा रही है क्योंकि वे रविवार को हुई बैठक में शामिल नहीं हुए। दूसरी ओर विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने अपने सभी विधायकों को तेजस्वी यादव के आवास पर रखा है। हैदराबाद भेजे गए कांग्रेस के विधायक भी लौट आए हैं।
बहरहाल, सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही राज्यपाल के अभिभाषण से शुरू होगी। उसके बाद स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जाएगा। सरकार के बहुमत का परीक्षण इसी में हो जाएगा। अगर वोटिंग के जरिए स्पीकर को हटा दिया जाता है तो नीतीश सरकार बहुमत साबित करेगी। सोमवार को होने वाले शक्ति परीक्षण से पहले रविवार को सभी पार्टियों ने अपने अपने विधायकों की बाड़ेबंदी की है।
कांग्रेस विधायक रविवार को हैदराबाद से पटना पहुंचे। हवाईअड्डे से सभी विधायक तेजस्वी यादव के आवास पहुंचे। तेजस्वी के बंगले पर लालू यादव की मौजूदगी में राजद-कांग्रेस और लेफ्ट के सभी विधायकों ने तेजस्वी यादव को अपना नेता चुना। दूसरी ओर बोधगया ले जाए गए भाजपा के सभी विधायक पटना पहुंच गए है। सभी विधायक उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के आवास पर रात्रि भोज में शामिल हुए।
इससे पहले, दिन में जदयू नेता और मंत्री विजय चौधरी के आवास पर जदयू विधायकों की बैठक डेढ़ घंटे तक चली। बैठक में चार विधायक नहीं पहुंचे। चारों विधायक- बीमा भारती, संजीव सिंह, दिलीप राय और सुदर्शन शनिवार को भी मंत्री श्रवण कुमार के बंगले पर आयोजित भोज में नहीं पहुंचे थे। रूपौली विधायक बीमा भारती का मोबाइल स्विच ऑफ है। बैठक खत्म होने के बाद विजय चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री हर हाल में बहुमत हासिल करेंगे। जो दो या तीन विधायक नहीं आए हैं, उन्होंने पार्टी को विधिवत सूचना दी है।
सोमवार को होने वाले बहुमत परीक्षण से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गया में हुई भाजपा विधायकों की कार्यशाला को वर्चुअल तरीके से संबोधित किया। उसके बाद विधायक तीन बसों में बैठ कर पटना के लिए रवाना हुए। विधायकों के साथ बिहार प्रभारी विनोद तावड़े भी मौजूद थे। गया के शिविर में भाजपा के तीन विधायक नहीं पहुंचे थे। हालांकि बाद में दो विधायक पटना निकलने से पहले पहुंच गए। सिर्फ रश्मि वर्मा नहीं आई। बताया जा रहा है कि उनकी सास बीमार हैं इसलिए वे बैठक में नहीं पहुंचीं।