न्यूयॉर्क। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रति अपना नरम रुख एक बार फिर दिखाया है। अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के एक प्रस्ताव पर रूस के साथ मतदान किया, जबकि भारत मतदान से दूर रहा। यूरोपीय देशों ने इस प्रस्ताव पर अमेरिका का साथ दिया। यूक्रेन ने रूस के साथ युद्ध के तीन साल पूरे होने पर संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव पेश किया था। इस प्रस्ताव में रूसी हमले की निंदा करने और यूक्रेन से तत्काल रूसी सेना को वापस बुलाने की मांग की गई थी।
अमेरिका ने अपनी पुरानी नीतियों के उलट सहयोगी यूरोपीय देशों के खिलाफ जाकर इस प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया। रूस और यूक्रेन के बीच जंग शुरू होने के बाद पहली बार अमेरिका और इजराइल ने यूक्रेन के खिलाफ वोट किया है। जबकि भारत और चीन सहित 65 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। प्रस्ताव का समर्थन करने वालों में जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे प्रमुख यूरोपीय देश शामिल हैं। यह प्रस्ताव 18 के मुकाबले 93 मतों से पारित हो गया।
इस प्रस्ताव में यूक्रेन से रूसी सेना की तत्काल वापसी की बात कही गई थी। साथ ही यूक्रेन में स्थायी और न्यायपूर्ण शांति बहाल करने और युद्ध अपराधों के लिए रूस की जवाबदेही तय करने की बात भी थी। बहरहाल, अमेरिका ने भी संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव पेश किया। इसमें न तो रूसी हमले का जिक्र था और न ही किसी तरह की निंदा की। इसमें बस दोनों देशों में हुए जानमाल के नुकसान पर शोक जाहिर किया गया। अमेरिका ने कहा कि वो लड़ाई को जल्दी खत्म करके यूक्रेन और रूस के बीच स्थायी शांति की अपील करता है।