नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ यानी आरएसएस ने एक बार फिर भारत बनाम इंडिया की बहस छेड़ी है। आरएसएस के नंबर दो पदाधिकारी सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा, ‘अपने देश को इंडिया नहीं, भारत कहना चाहिए। इसे ठीक करना पड़ेगा। देश को दो नामों से क्यों जाना जा रहा है? इसे ठीक करना ही पड़ेगा। भारत है, तो भारत ही कहो’। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में इतिहास को तोड़ा मरोड़ा गया है और इतिहास की अच्छी बातों को दबाया गया है।
दत्तात्रेय होसबाले ने सोमवार को नोएडा में ‘विमर्श भारत का’ नाम की एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने वहां कहा, ‘क्या भारत एक जमीन का टुकड़ा है? या संविधान से चलने वाला केवल एक भारत? केवल ऐसा नहीं है, भारत एक जीवन दर्शन है, आध्यात्मिक प्रतिभूत है। विश्व को संदेश देने वाला विश्वगुरु है’। उन्हेंने कहा, ‘पिछले दिनों सरकार ने जी 20 सम्मेलन में राष्ट्रपति आवास पर भोज के लिए निमंत्रण में रिपब्लिक ऑफ भारत लिखा गया’।
उन्होंने कहा, ‘कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ इंडिया यानी भारत का संविधान, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी भारत का रिजर्व बैंक। इस पर सवाल उठना चाहिए’। दत्तात्रेय होसबाले ने कहा, ‘आज भारत पूरी तरह से स्वतंत्र है, उसका मस्तिष्क स्वतंत्र है। पूरी दुनिया में विमर्श की लड़ाई है। पहले के दशकों में पढ़ाया जाता था कि भारत का गणित और विज्ञान के क्षेत्र में कोई योगदान नहीं। भारत के इतिहास को तोड़ा मरोड़ा गया है, जबकि इसका इतिहास समृद्धि से भरा पड़ा है’।