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वक्फ बिल के खिलाफ प्रदर्शन

नई दिल्ली। वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन के लिए लाए गए बिल के खिलाफ सोमवार को जंतर मंतर पर प्रदर्शन हुआ। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड यानी एआईएमपीएलबी की ओर से इस प्रदर्शन का आयोजन किया गया था, जिसमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, एआईएमआईएम आदि पार्टियों के नेता भी शामिल हुए। वक्फ बोर्ड बिल पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने इस प्रदर्शन को संसद के अधिकार को चुनौती देने वाला बताया।

जंतर मंतर पर प्रदर्शन के दौरान एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘हम इस बिल का विरोध करते हैं। बिल में प्रावधान है कि कल कोई यह कहता है कि यह मस्जिद नहीं है और कलेक्टर जांच बैठा देते हैं तो जांच पूरी होने तक मस्जिद हमारी संपत्ति नहीं होगी’। गौरतलब है कि इस बिल पर विचार के बाद जेपीसी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। उस रिपोर्ट के आधार नया बिल मौजूदा बजट सत्र में लाया जा सकता है। यह सत्र चार अप्रैल तक चलेगा।

बिल के खिलाफ प्रदर्शन में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने बताया कि संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी को करीब पांच करोड़ मुसलमानों ने ईमेल के जरिए अपनी राय बताई, लेकिन सब कुछ नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने इस बात को दोहराया कि यह विधेयक पारित हुआ तो देश भर में आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस प्रदर्शन में तेलुगू देशम पार्टी और जनता दल यू को न्योता नहीं दिया गया था। पहले इन दोनों पार्टियों से उम्मीद की जा रही थी कि वे इस बिल का विरोध करेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।

बहरहाल, सोमवार को हुए प्रदर्शन से पहले इसके बारे में भाजपा सांसद और वक्फ बिल पर विचार करने वाली जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि अगर वे वक्फ संशोधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं, तो कहीं न कहीं वे देश के लोगों में नफरत पैदा करने और संसद के कानून बनाने के अधिकार को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं। वे लोगों को भ्रमित करने और मतभेद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके द्वारा उठाया गया यह कदम लोकतांत्रिक नहीं है।

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