Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

बेकार गया शीतकालीन सत्र

Parliament

नई दिल्ली। Parliament का शीतकालीन सत्र पूरी तरह से जाया हो गया। एक महीने के इस सत्र में कोई विधायी काम नहीं हुआ। सरकार ने शीतकालीन सत्र में चार बिल जरूर पेश किए लेकिन एक भी बिल इस सत्र में पास नहीं कराया गया। अडानी मसले पर हंगामे के साथ शुरू हुआ सत्र डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के कथित अपमान के मसले पर सांसदों की धक्कामुक्की और केस, मुकदमे के साथ समाप्त हुआ। सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। शुक्रवार को सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होने के तत्काल बाद लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई।

शीतकालीन सत्र की शुरुआत 25 नवंबर को हुई थी। उससे ठीक पहले गौतम अडानी और सागर अडानी सहित आठ लोगों के खिलाफ फ्रॉड और घूसखोरी का आरोप अमेरिका की अदालत में लगा था। इस पर विपक्ष ने पहले दिन से हंगामा शुरू किया और अडानी मसले पर चर्चा व संयुक्त संसदीय समिति बना कर जांच की मांग की। इस हंगामे की वजह से कई दिन संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही ठप्प रही। पक्ष और विपक्ष के बीच समझौते के तहत लोकसभा और राज्यसभा में दो दो दिन संविधान पर चर्चा हुई।

संविधान चर्चा के दौरान हंगामा, शीतकालीन सत्र की उत्पादकता पर असर

मंगलवार, 17 दिसंबर को संविधान पर चर्चा के समापन भाषण में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान को लेकर हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष ने उनके ऊपर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया। शीतकालीन सत्र का आखिरी तीन दिन इस हंगामे में जाया हुआ। गुरुवार, 19 दिसंबर को हंगामे और प्रदर्शन के दौरान भाजपा के दो सांसद घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भाजपा का आरोप है कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के धक्के से बुजुर्ग सांसद प्रताप सारंगी घायल हुए हैं। भाजपा ने Parliament मार्ग थाने में राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया है।

बहरहाल, शीतकालीन सत्र में कुल 20 बैठकें हुईं। दोनों सदनों में करीब 105 घंटे कार्यवाही चली। बताया गया है कि सत्र के दौरान लोकसभा की उत्पादकता 57.87 फीसदी और राज्यसभा में 41 फीसदी रही। यह उत्पादकता मुख्य रूप से संविधान पर हुई चर्चा के कारण है। संसद में कुल चार बिल पेश किए गए। हालांकि, कोई पारित नहीं हो सका। सबसे चर्चित ‘एक देश, एक चुनाव’ के लिए पेश हुआ 129 वें संविधान संशोधन बिल रहा।

Also Read: संसद-परिसर में धक्का-मुक्की

बिल को 39 सदस्यों की संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी को भेज दिया गया है। कमेटी में लोकसभा से 27 और राज्यसभा से 12 सांसद हैं। राजस्थान के पाली से भाजपा सांसद पीपी चौधरी को जेपीसी का अध्यक्ष बनाया गया है। कमेटी को अगले Parliament सत्र के आखिरी सप्ताह के पहले दिन लोकसभा में रिपोर्ट देनी है। हंगामे और विवाद के बीच विपक्ष ने राज्यसभा के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भी दिया था।

Exit mobile version