नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में सोमवार को विपक्षी पार्टियों ने डुप्लीकेट वोटर आईडी कार्ड का सवाल उठाया और राज्यसभा से वॉकआउट किया। विपक्षी पार्टियां चाहती थीं कि उच्च सदन का कामकाज रोक कर डुप्लीकेट वोटर आईडी के मसले पर चर्चा की जाए। तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के 10 सांसदों ने काम रोको प्रस्ताव देकर इस पर चर्चा की मांग की थी। राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने इससे इनकार कर दिया। इसके विरोध में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने राज्यसभा से वॉकआउट किया।
गौरतलब है कि दोनों पार्टियों के सांसद डुप्लीकेट वोटर आईडी पर बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन से चर्चा की मांग कर रहे थे। बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले तीन दिन यानी 10, 11 और 12 मार्च को डीएमके सांसदों ने नई शिक्षा नीति और त्रिभाषा फॉर्मूले को लेकर हंगामा किया। कांग्रेस ने गुजरात में भारत और पाकिस्तान की सीमा पर अडानी समूह के रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट को मंजूरी दिए जाने पर सवाल उठाया था। कांग्रेस ने इसे देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया था।
बहरहाल, सोमवार को लोकसभा में महाराष्ट्र की कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने रेल मंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब कोई सार्वजनिक उपक्रम वेंटिलेटर पर हो, तब इंस्टाग्राम रील बनाने से कुछ नहीं होता। यह सरकार के खराब प्रबंधन का असर है। वर्षा गायकवाड़ अनुदान की मांगों पर चर्चा में शामिल हुई थीं। उन्होंने अपने भाषण में कहा, ‘दावा किया जाता है कि रेल बजट में अभूतपूर्व बदलाव किए गए, जबकि ये गलत है। सच ये है कि ये फेल बजट है। मौजूदा सरकार यही नैरेटिव बनाने की कोशिश करती है कि हर विकास 2014 के बाद हुआ। जबकि तथ्य ये हैं कि पब्लिक सेक्टर के उपक्रम खराब स्थिति में हैं’।