नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को भी विपक्षी पार्टियों के सांसदों का हंगामा जारी रहा। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके ने त्रिभाषा फॉर्मूले को लेकर हंगामा किया। डीएमके सांसद काले कपड़े पहन कर पहुंचे थे और उन्होंने संसद भवन परिसर में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के खिलाफ प्रदर्शन किया। एक तरफ डीएमके सांसद त्रिभाषा फॉर्मूले और परिसीमन का विरोध कर रहे थे तो दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस ने लगातार दूसरे दिन मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाया।
मंगलवार को नई शिक्षा नीति और त्रिभाषा फॉर्मूले को लेकर संसद के बाहर विपक्ष के सांसदों ने प्रदर्शन किया। डीएमके सांसद कनिमोझी और अन्य सांसदों ने काले कपड़े पहनकर तमिलनाडु पर धर्मेंद्र प्रधान की टिप्पणी का विरोध किया। उन्होंने प्रधान से माफी मांगने को कहा। डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा, ‘केंद्र सरकार तमिलनाडु को मिलने वाले पैसे को रोक रही है। कह रही है कि हमें तीन भाषा नीति और एनईपी पर दस्तखत करना है। वे तमिलनाडु के बच्चों का भविष्य बरबाद कर रहे हैं। उन्हें तमिलनाडु के बच्चों के लिए मिलने वाले फंड को रोकने का कोई अधिकार नहीं है’।
कनिमोझी ने मंगलवार को कहा, ‘कल धर्मेंद्र प्रधान ने बहुत ही अपमानजनक तरीके से जवाब दिया। कहा कि हम बेईमान हैं और तमिलनाडु के लोग असभ्य हैं। हम उनसे ऐसी भाषा बोलने की उम्मीद नहीं करते हैं। यह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है। हम माफी की मांग करते हैं’। तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने डीएमके का समर्थन करते हुए कहा, ‘टीएमसी डीएमके द्वारा अपनाए गए रुख का समर्थन करती है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया है, वह अप्रत्याशित है। या तो उन्हें सदन में माफी मांगनी चाहिए या उन्हें मंत्रिमंडल से मंत्री पद से हटा दिया जाना चाहिए’। उन्होंने कहा कि टीएमसी डीएमके और तमिलनाडु के लोगों के समर्थन में खड़ी है।