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मणिपुर में अनिश्चितकालीन बंद

इम्फाल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की फ्री ट्रैफिक मूवमेंट शुरू करने के लिए दी गई डेडलाइन बीत गई है और उसके अगले दिन रविवार, नौ मार्च को कुकी संगठनों और कुछ अन्य जातीय व आदिवासी संगठनों ने अनिश्चितकालीन बंद का ऐलान कर दिया है। इससे पहले अमित शाह की डेडलाइन के दिन यानी आठ मार्च को राज्य के कई हिस्सों में भारी हिंसा हुई, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और 40 से ज्यादा लोग घायल हुए। कई जगह प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम किया। कुछ इलाकों में लोगों का आवागमन हुआ लेकिन वह भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच हुआ।

गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री के निर्देश के मुताबिक हिंसा प्रभावित मणिपुर में आठ मार्च से सभी इलाकों में सामान्य आवाजाही शुरू की गई, जिसका कुकी समुदाय के लोगों ने विरोध किया। अधिकारियों ने बताया है कि सुरक्षा बलों की शनिवार की कार्रवाई के खिलाफ कुकी जो समूहों की ओर से अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया गया है। कांगपोकपी जिले में रविवार सुबह स्थिति तनावपूर्ण लेकिन शांत रही। वहां अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।

इस बीच मणिपुर पुलिस ने एक बयान में कहा है कि प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की है। गुलेल का भी इस्तेमाल किया गया है। सुरक्षा बलों की पांच गाड़ियों के शीशे टूट गए। झड़प के दौरान 16 प्रदर्शनकारी घायल हो गए और एक प्रदर्शनकारी की चोटों के कारण मौत हो गई। इससे पहले शनिवार को कुकी समुदाय ने प्रदर्शन के दौरान सड़कों पर पत्थर बिछाकर और टायर जलाकर सड़कें बंद करने की कोशिश की। कई जगह वाहनों में आग लगा दी गई। बसों को पलट दिया गया या पेड़ गिरा कर यातायात बाधित किया गया। इसके बाद सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किए और आंसू गैस के गोले छोड़े।

बहरहाल, रविवार को कुकी जो के संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम यानी आईटीएलएफ ने कुकी जो काउंसिल यानी केजेडसी के अनिश्चितकालीन बंद का समर्थन किया है। संगठन ने कहा कि शनिवार को प्रदर्शन में शामिल लोगों का हम सम्मान करते हैं। लोगों से अपील है कि वे बंद का समर्थन करें। दूसरी ओर कुकी काउंसिल ने रविवार को एक बयान जारी करके कहा है, ‘झड़प में 50 से ज्यादा महिलाएं घायल हुई हैं। सुरक्षाकर्मियों के बल प्रयोग करने से हमारा संकल्प और भी मजबूत हो गया है। काउंसिल शांति का समर्थन करती है लेकिन शांति थोपने से नाराजगी और संघर्ष होगा’। गौरतलब है कि गृह मंत्री अमित शाह ने एक मार्च को मणिपुर के हालात पर गृह मंत्रालय में समीक्षा बैठक की थी। उन्होंने आठ मार्च से मणिपुर में सभी सड़कों पर बेरोकटोक आवाजाही सुनिश्चित करने को कहा था। साथ ही सड़कें ब्लॉक करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।

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