Kisan Delhi March: उत्तर प्रदेश के किसानों के प्रदर्शन की वजह से सोमवार को नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अफरातफरी रही और एक्सप्रेस वे कई घंटे तक जाम रहा।
हालांकि बाद में किसानों ने प्रशासन से बातचीत के बाद दिल्ली मार्च टाल दिया। किसान एक हफ्ते तक इंतजार करेंगे। यह फैसला किसान नेताओं की ग्रेटर नोएडा, नोएडा और यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद किया गया।
इसके बाद नोएडा एक्सप्रेस वे से बैरिकेडिंग हटा दी गई और आवाजाही शुरू हो गई। उधर पंजाब के किसानों ने छह दिसंबर को दिल्ली की ओर मार्च करने का ऐलान किया है।
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केंद्र सरकार को एक हफ्ते का समय
बहरहाल, उत्तर प्रदेश के किसानों ने अपनी मांगों पर फैसला लेने के लिए केंद्र सरकार को एक हफ्ते का समय दिया है। इस दौरान किसान दलित प्रेरणा स्थल पर आंदोलन करेंगे।
अगर एक हफ्ते में मांगें नहीं मानी गईं, तो किसान फिर से दिल्ली कूच करेंगे। इससे पहले सोमवार दोपहर 12 बजे किसान नोएडा के महामाया फ्लाईओवर के पास इकट्ठा हुए और संसद का घेराव करने के लिए दिल्ली की तरफ बढ़े, तो पुलिस ने किसानों को दलित प्रेरणा स्थल पर रोक दिया।
पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए दिल्ली और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले चिल्ला बॉर्डर पर जगह जगह बैरिकेडिंग कर दी थी। लेकिन, किसानों ने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ दी।
हालांकि, वज्र वाहन और रैपिड एक्शन फोर्स के जवान तैनात थे और ड्रोन से निगरानी हो रही थी। नोएडा एक्सप्रेस वे दोनों तरफ से बंद होने और वाहनों की चेकिंग के चलते पांच किलोमीटर से ज्यादा लंबा जाम लग गया था।
मार्च को लेकर अड़े किसानों और तीनों प्राधिकरणों के बीच कई घंटे की बातचीत हुई। इस दौरान ग्रेटर नोएडा, नोएडा और यमुना प्राधिकरण ने किसानों से एक हफ्ते का समय मांगा।