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कश्मीर में वोटिंग का नया रिकॉर्ड

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर की सभी 90 सीटों पर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न हो गया। मंगलवार, एक अक्टूबर को तीसरे और आखिरी चरण में 40 सीटों पर मतदान हुआ, जिसमें वोटिंग का नया रिकॉर्ड बना। शाम छह बजे मतदान का समय समाप्त होने तक करीब 66 फीसदी मतदान हुआ था। यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। पिछले चुनाव में यानी 2014 में 65 फीसदी मतदान हुआ था। उस समय इन 40 में से 36 सीटें थीं। चार नई सीटें इस बार जुड़ी हैं। मतदान के बाद सभी पार्टियों ने जीत का दावा किया।

बहरहाल, तीसरे और आखिरी चरण में पहले दो चरण से ज्यादा मतदान हुआ। पहले चरण में 61.38 और दूसरे चरण में 57.31 फीसदी मतदान हुआ था। तीसरे और आखिरी चरण में जम्मू क्षेत्र की 24 और कश्मीर घाटी की 16 सीटों पर मतदान हुआ, जिसमें 39 लाख से कुछ ज्यादा मतदाताओं को वोटिंग करनी थी। इस दौर में 415 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनकी किस्मत ईवीएम में बंद हो गई है। बारामूला के निर्दलीय सांसद इंजीनियर राशिद के भाई लंगेट सीट से मैदान में थे तो केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के भाई देवेंद्र सिंह राणा नगरौटा सीट से लड़े हैं और उनकी किस्मत का फैसला भी मतदाताओं ने कर दिया है।

तीसरे और आखिरी चरण में वोटिंग के शाम छह बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा 73.45 फीसदी वोटिंग सांबा जिले में हुई, जबकि बारामूला में सबसे कम 55.73 फीसदी मतदान हुआ। मतदान के दौरान दिन में महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी ने आरोप लगाया है कि कुपवाड़ा के हटमुल्ला पोलिंग स्टेशन पर धीमी वोटिंग कराई जा रही है। पार्टी ने कहा- धरती पर कोई नहीं, जो वोटर्स को वोटिंग टाइम खत्म करने तक मदद कर सके।

चुनाव प्रचार के लिए जेल से बाहर निकले निर्दलीय सांसद और अवामी इत्तेहाद पार्टी के अध्यक्ष इंजीनियर राशिद ने कहा कि 2014 के बाद से राज्य में लोगों की आवाज दबाई गई। उन्होंने कहा- अगर मैं सत्ता चाहता तो मोदी से हाथ मिलाता। भाजपा के नेता देवेंद्र सिंह राणा ने दावा किया कि भाजपा इस बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी। गौरतलब है कि तीसरे और आखिरी चरण के नतीजों से ही राज्य में बहुमत का फैसला होना है। आखिरी चरण में हुए मतदान में जम्मू के इलाके में भाजपा पारंपरिक रूप से मजबूत है।

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