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धनखड़ ने फिर संसद को सर्वोच्च बताया

Jagdeep Dhankhar

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद न्यायिक सक्रियता और संसद के साथ कथित टकराव को लेकर चल रही बहस में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक बार फिर मंगलवार को कहा कि संसद ही सबसे ऊपर है। धनखड़ ने दिल्ली यूनिवर्सिटी में संविधान पर आयोजित एक कार्य़क्रम में पहले कही गई अपनी बात दोहराई। धनखड़ ने कहा, ‘संसद सर्वोच्च है और उसके ऊपर कोई नहीं हो सकता। सांसद ही असली मालिक हैं, वही तय करते हैं कि संविधान कैसा होगा। उनके ऊपर कोई और सत्ता नहीं हो सकती’।

इससे पहले 17 अप्रैल को उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट सुपर संसद की तरह काम कर रहा है। उन्होंने यह सवाल भी उठाया था कि सुप्रीम को राष्ट्रपति को कैसे निर्देश दे सकता है। उनके पिछले बयान के बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने भी इसी तरह का बयान दिया और कहा कि चीफ जस्टिस की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं। ऐसे में चीफ जस्टिस किसी राष्ट्रपति को निर्देश कैसे दे सकते हैं।

यह विवाद सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश से शुरू हुआ, जिसमें अदालत ने राज्यपाल और राष्ट्रपति के लिए एक समय सीमा तय करते हुए कहा कि राज्यों की विधानसभा से पास विधेयक को तीन महीने से ज्यादा नहीं रोका जा सकता है। बहरहाल, धनखड़ ने मंगलवार को कहा, ‘एक प्रधानमंत्री ने आपातकाल लगाया था, उन्हें 1977 में जवाबदेह ठहराया गया था। इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि संविधान जनता के लिए है और यह उन्हें सुरक्षित रखता है। संविधान में कहीं नहीं कहा गया है कि संसद से ऊपर कोई और संस्था है’। धनखड़ ने अपना उदाहरण देते हुए कहा, ‘किसी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा कहे गए शब्द, देश के सर्वोच्च हित को ध्यान में रखकर ही बोले जाते हैं’।

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