नई दिल्ली। इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने महाभियोग लाने का ऐलान किया है। उन्होंने जज के बयान को देश तोड़ने वाला बताया है। उधर सुप्रीम कोर्ट ने भी हाई कोर्ट के जज के बयान का संज्ञान लिया है और इलाहाबाद हाई कोर्ट से उनके बारे में रिपोर्ट मांगी है। असल में जस्टिस शेखर यादव ने विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में कहा था कि यह देश बहुसंख्यकों की इच्छा से ही चलना चाहिए।
राज्यसभा सांसद और देश के मशहूर वकील कपिल सिब्बल ने कहा है कि वे जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि राजनेता भी ऐसी बात नहीं करते, जबकि जज तो संविधान की रक्षा के लिए बैठे हैं। उनको ये शब्द शोभा नहीं देते। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम को देखना चाहिए कि ऐसे लोग जज न बनें। सिब्बल ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मदद मांगी और कहा कि अगर सब मिल कर महाभियोग के जरिए जज को हटाएं तो अच्छा मैसेज जाएगा।
गौरतलब है कि जस्टिस शेखर यादव रविवार को प्रयागराज में विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने कहा- मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि यह हिंदुस्तान है और यह देश यहां रहने वाले बहुसंख्यकों की इच्छा से चलेगा। मैं यह बात हाई कोर्ट के जज के तौर पर नहीं बोल रहा। उन्होंने आगे कहा- आप अपने परिवार या समाज को ही लीजिए कि जो बात ज्यादा लोगों को मंजूर होती है, उसे ही स्वीकार किया जाता है। लेकिन यह जो कठमुल्ला हैं, यह सही शब्द नहीं है, लेकिन कहने में परहेज नहीं है, क्योंकि वह देश के लिए बुरा है। घातक है। देश के खिलाफ हैं। जनता को भड़काने वाले लोग हैं। देश आगे न बढ़े, ऐसा सोचने वाले लोग हैं। उनसे सावधान रहने की जरूरत है।
इस बयान को लेकर मंगलवार को कपिल सिब्बल ने कहा- मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट को सख्त कदम उठाने चाहिए और उस शख्स को कुर्सी पर नहीं बैठने देना चाहिए। एक भी केस उसके पास नहीं जाना चाहिए। ये पक्ष विपक्ष की बात नहीं है, ये न्यायपालिका के स्वतंत्रता की बात है। उन्होंने कहा- पीएम, गृह मंत्री और सत्ता में बैठे लोग हमारा साथ दें, क्योंकि अगर वो नहीं देंगे तो लगेगा कि वो जज के साथ हैं। सिब्बल ने कहा- कोई नेता भी ऐसा बयान नहीं दे सकता है, तो एक जज कैसे दे सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम को देखना चाहिए कि ऐसे लोग जज न बनें।