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अडानी के मुद्दे पर ठप्प संसद

सांसदों

नई दिल्ली। अडानी समूह के मुखिया गौतम अडानी के ऊपर अमेरिका में लगे घूसखोरी और फ्रॉड के आरोप का मामला अब एक बड़े राजनीतिक विवाद में बदल गया है। संसद के शीतकालीन सत्र का पहले हफ्ता इसकी भेंट चढ़ता दिख रहा है। गुरुवार को सत्र के तीसरे दिन भी विपक्षी पार्टियों के हंगामे की वजह से कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चली। संसद के दोनों सदनों में विपक्षी पार्टियों ने अडानी के मसले पर चर्चा की मांग की और साथ ही संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी से जांच कराने की भी मांग की।

गुरुवार को शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन था। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पहली बार सांसद के रूप में संसद भवन पहुंचीं। उन्होंने लोकसभा में सांसद पद की शपथ ली। उनके साथ साथ महाराष्ट्र की नांदेड़ सीट से चुनाव जीते रविंद्र वसंतराव चव्हाण ने भी शपथ ली। इनकी शपथ के दौरान विपक्षी सांसद चुपचाप रहे। शपथ के तुरंत बाद उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा नहीं थमने पर कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। लेकिन 12 बजे कार्यवाही शुरू होने पर हंगामा जारी रहा तो सदन को शुक्रवार, 29 नवंबर की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

उधर राज्य में गुरुवार को भी विपक्षी पार्टियों की ओर से अडानी मसले पर चर्चा कराने के लिए काम रोको प्रस्ताव का नोटिस दिया गया। कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने नियम 267 के तहत नोटिस दिया। पहले तीन दिन की कार्यवाही के दौरान दो दर्जन से ज्यादा काम रोको प्रस्ताव का नोटिस दिया गया है लेकिन सभापति ने उन्हें स्वीकार नहीं किया। सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्षी सांसदों को नसीहत देते हुए कहा कि संसदीय विवाद से लोकतंत्र कमजोर होता है। लेकिन विपक्षी पार्टियों पर कोई असर नहीं हुआ। उन्होंने सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई। दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर हंगामा जारी रहा तो सदन की कार्यवाह शुक्रवार तक स्थगित कर दी गई।

शीतकालीन सत्र के पहले चार दिन में एक दिन मंगलवार, 26 नवंबर को संविधान दिवस पर विशेष बैठक हुई थी। बाकी तीन दिन संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पाई है। शुक्रवार को हफ्ते का आखिरी दिन है और विपक्ष के तेवर से नहीं लग रहा है कि वह समझौते के मूड में है। सो, दूसरे हफ्ते में ही कामकाज होने की संभावना है। बहरहाल, लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर जेपीसी का कार्यकाल बजट सत्र 2025 के अंतिम दिन तक के लिए बढ़ा दिया गया है। पैनल के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने लोकसभा में प्रस्ताव पेश किया और इसे मंजूरी मिल गई।

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