समाचार विश्लेषण

एनडीए में नीतीश का रुतबा कम हुआ?
लालू प्रसाद के राष्ट्रीय जनता दल के साथ चुनाव लड़ने और कुछ ही समय बाद बीजेपी से हाथ मिला लेने को लेकर नीतीश के विधायकों में भी खलबली है। इन विधायकों को और पढ़ें....

जबरा मारे और रोने भी न दे!
प्रदीप श्रीवास्तव— पूर्वी उत्तरप्रदेश में एक कहावत है ‘जबरा मारे और रोने भी न दे’? केंद्र में विपक्ष की कमोबेश यही स्थिति है। संसद के दोनों सदनों और पढ़ें....

बेहतर होता बात दलितों की ही होती
दलितों के मुद्दे पर कांग्रेस का उपवास कार्यक्रम आखिरकार दिशा भटक गया और विपक्ष यानी भाजपा के लपेटे में आ गया। इस मौके पर कांग्रेस और भाजपा में जम कर और पढ़ें....

दलितों की आड़ में घातक राजनीति
दलित राजनीति इन दिनों उफान पर है। एससी-एसटी कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने न केवल दलित समुदाय को जगा दिया, बल्कि सत्ता पक्ष और विपक्ष तक को नई और पढ़ें....

मीडिया में सलमान, सलमान का मीडिया
काले हिरण के शिकार के बीस साल पुराने मामले में अभिनेता सलमान खान को शनिवार को जमानत मिल गई और वह उसी दिन शाम तक जेल से रिहा होकर रात को मुंबई में घर पहुंच और पढ़ें....

असुरक्षा का इतना अहसास क्यों?
सोमवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने पत्रकारों के लिए नए निर्देश जारी किए और मंगलवार को ये वापस ले लिए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पढ़ें....

स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के लिए बढ़ा दबाव
कई बार प्रदूषण की वजह से बंद किए गए और अब वायु प्रदूषण के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक बन चुके दिल्ली के बदरपुर पावर प्लांट के खिलाफ पर्यावरणवादी कार्यकर्ताओं और पढ़ें....

डूबते को मिला तिनके सहारा
बीस विधायकों की सदस्यता-बहाली से लगातार ढलान पर उतरती आम आदमी पार्टी को फ़ौरी तौर पर न केवल राहत की सांस लेने का मौका मिलेगा, बल्कि वह कह सकती है कि हमारे और पढ़ें....

जर्मनी में आखिर अब बनेगी नई सरकार
जर्मनी में चुनाव हुए लगभग छह महीने गुजर चुके हैं। मतदान पिछले 24 सितंबर को हुआ था। मगर सरकार बनते-बनते लगभग छह महीने लग गए हैं। बीते रविवार को आखिरकार और पढ़ें....

आधार से असम में खास मुश्किल
असम में नेशनल रजिस्टर आफ सिटीजंस (एनआरसी) को अपडेट करने की प्रक्रिया जारी है। इस वजह से 90 फीसदी से ज्यादा आबादी का आधार कार्ड ही नहीं बन सका है। राज्य की 3.40 और पढ़ें....