Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

जलझुलनी एकादशी आज, अराध्य श्री गोविंददेवजी में 1100 किलो फलों का भोग

Jal Jhulni Ekadashi 2024

Jal Jhulni Ekadashi 2024: जलझुलनी एकादशी का पर्व आज मनाया जा रहा है. उदया तिथी में एकादशी होने के कारण जलझुलनी एकादशी का व्रत भी आज ही किया जाएगा. भाद्रपद शुक्ल की एकादशी को जलझूलनी एकादशी मनाई जाती है. यह पर्व भगवान श्री विष्णु को समर्पित होता है. यह एकादशी साल की प्रमुख और बड़ी एकादशी में से एक होती है. देशबर के प्रमुख मंदिरों में एकादशी का उत्सव मनाया जा रहा है. श्रीहरि या ठाकुर जी को चरणामृत से स्नान करवाकर फलाहार अर्पित किए जा रहे है.

जयपुर के आराध्य श्री गोविंददेवजी मंदिर समेत प्रमुख मंदिरों में आयोजन किए जा रहे है. कृष्ण मंदिरों में एकादशी के तहत बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. जयपुर के समीप स्थित धार्मिक नगरी गोनेर के आराध्य देव भगवान लक्ष्मी जगदीश आज जगन्नाथ सरोवर में विभिन्न झांकियों के साथ जलविहार करेंगे.

एकादशी तिथि शुक्रवार रात 10.31 से शुरू हुई थी जो शनिवार रात 8.42 बजे तक रहेगी. इस एकादशी को जलझूलनी, परिवर्तनी, पदमा एकादशी, डोल ग्यारस और वामन जयंती एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. कहा जात है कि यह समय भगवान विष्णु के शयन का समय है आज के दिन श्रीहरि करवट बदलते है इस कारण इसे परिवर्तिनी एकादशी भी कहते है. दो महीने बाद देवउठनी एकादशी (12 नवंबर) को भगवान विष्णु का शयन समय यानि चातुर्मास समापन होगा.

also read: कब होगा शारदीय नवरात्रि का श्रीगणेश, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

पंचामृत अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण की

गोविंददेवजी मंदिर में ठाकुर जी की मंगला झांकी के बाद जलझूलनी पूजन किया गया. इस दौरान ठाकुर श्रीजी के दर्शन पट बंद रहे. भगवान का वेद मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत अभिषेक किया गया. ठाकुर श्री जी को नवीन नटवर वेश पोशाक धारण करवाई गई और विशेष अलंकार श्रृंगार किया गया. एकादशी पर ठाकुर जी को 1100 किलो फलों का भोग लगाया गया. (Jal Jhulni Ekadashi 2024)

महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में ठाकुर श्री शालिग्रामजी भगवान (नारायण जी) को विशेष छोटी चांदी के खाट पर विराजमान कर मंदिर के दक्षिण पश्चिमी चौक तुलसी मंच पर ले जाया जाएगा. यहां वेद मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत अभिषेक कर चंदन श्रृंगार किया जाएगा।.इसके बाद आरती की जाएगी और भोग अर्पण किया जाएगा . हरिनाम संकीर्तन की स्वर लहरियों के साथ तुलसी मंच की चार परिक्रमा कराकर फिर से ठाकुर श्री शालिग्राम जी को खाट पर विराजमान किया जाएगा. मंदिर की एक परिक्रमा कराकर निज मंदिर में प्रवेश कराया जाएगा शालिग्राम जी को ठाकुर श्रीजी के समीप विराजमान किया जाएगा। उसके बाद संध्या झांकी आरती दर्शन होंगे.

जलझूलनी एकादशी पर गोविंद देवजी मंदिर में झांकी

मंगला झांकी- सुबह 4:30 से 5:15 तक
धूप झांकी- सुबह 7:45 से 9.00 तक
श्रृंगार झांकी-9:30 से 10:15 तक
राजभोग झांकी-10:45 से 11:30 तक
ग्वाल झांकी- 4:00 से 04: 15 तक
जलझूलनी पूजन- 4:45 से 5:35 तक (ठाकुर श्रीजी के दर्शन पट बंद रहेंगे)
संध्या झांकी- शाम 5:45 से 06:45 तक
शयन झांकी-रात्रि 8.00 से 08: 30 तक

Exit mobile version