पटना। बिहार में विपक्षी पार्टियों की होने वाली बैठक से महागठबंधन की सरकार में फूट पड़ गई है। पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी से मंत्री पद से इस्तीफ दे दिया है। सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। बताया जा रहा है कि जल्दी ही नीतीश कुमार अपनी सरकार का विस्तार करेंगे और दो मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। मांझी समुदाय से आने वाले जदयू विधायक रत्नेश सदा को मंत्री बनाया जा सकता है। इसके अलावा एक मंत्री कांग्रेस कोटे से होगा।
बहरहाल, संतोष मांझी नीतीश कुमार की सरकार में अनुसूचित जाति, जनजाति कल्याण विभाग संभाल रहे थे। उन्होंने कहा है कि उन लोगों को नीतीश की पार्टी जदयू में विलय का प्रस्ताव दिया गया था, जो उन्हें मंजूर नही है, इसलिए उन्होंने इस्तीफ़ा दिया है। उन्होंने कहा- पार्टी का जेडीयू में विलय हमारे कार्यकर्ताओं के सम्मान और उसूलों के खिलाफ होता। हमने बड़ी मेनहत से अपनी पार्टी का निर्माण किया है और जनता की आवाज बने हुए हैं। अगर हम अपनी पार्टी जेडीयू में मिला देते, तो यह आवाज खत्म हो जाती है, इसलिए मैंने कैबिनेट से इस्तीफा देने का फैसला किया।
बाद में जीतनराम मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी सरकार से हट गई है लेकिन महागठबंधन का हिस्सा है। भाजपा के साथ जाने के सवाल पर पार्टी की ओर से कहा गया कि अभी इस पर विचार नहीं हुआ है। इस बीच जदयू और राजद नेताओं ने जीतनराम मांझी पर हमला किया और कहा कि नीतीश कुमार ने उनको मुख्यमंत्री बनाया था। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने कहा कि मांझी के बेटे का इस्तीफा महागठबंधन के लिए झटका नहीं है। गौरतलब है कि 23 जून को पटना में विपक्षी पार्टियों की बैठक होनी है।