नई दिल्ली। कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को अदालत ने पांच दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया है। सिसोदिया को रविवार को आठ घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था। सोमवार को सीबीआई ने उन्हें सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया, जहां अदालत ने उनको चार मार्च तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया। इससे पहले विशेष जज एमके नागपाल ने सिसोदिया और सीबीआई के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने बाद में फैसले का ऐलान किया।
सीबीआई ने अदालत से आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की पांच दिन की ही हिरासत मांगी थी, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया। गौरतलब है कि सीबीआई ने जिस शराब नीति में गड़बड़ी के आरोप में सिसोदिया को गिरफ्तार किया वह नीति वापस हो चुकी है। इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने पिछले साल 19 सितंबर को सिसोदिया और अन्य लोगों के यहां छापे मारे थे। उसके छह महीने के बाद सिसोदिया को जांच में सहयोग नहीं करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
सीबीआई की हिरासत का विरोध करते हुए सिसोदिया के वकील ने कहा कि उन्होंने हमेशा सीबीआई की जांच में सहयोग किया है। दूसरी ओर सीबीआई ने आरोप लगाया है कि सिसोदिया ने शराब घोटाले में आपराधिक साजिश रची और सबूतों को मिटाने की भी कोशिश की। यह भी कहा गया है कि इस घोटाले में शामिल लोगों ने 175 मोबाइल बदले। बहरहाल, मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के विरोध में आम आदमी पार्टी ने सोमवार को दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया।
सोमवार को सुनवाई के दौरान सिसोदिया के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा- सीबीआई उस फैसले की जांच करनी चाहती है, जो चुनी हुई सरकार की कैबिनेट ने किया था। ऐसा नहीं हो सकता। मैं दिल्ली का वित्त मंत्री हूं। आप टाइमिंग देखिये। वित्त मंत्री को आप तब गिरफ्तार कर रहे हैं, जब उनको बजट पेश करना है। उनके वकील ने यह भी कहा कि लोक सेवक को गिरफ्तार करने से पहले सक्षम अथॉरिटी से मंजूरी लेनी चाहिए थी। सिसोदिया के एक अन्य वकील मोहित माथुर ने कहा- एक्साइज पालिसी को लेकर उप राज्यपाल से भी चर्चा हुई थी। उनके दिए सुझाव भी पॉलिसी में डाले गए। जब चर्चा हुई तो साजिश कहां से हो गई? उन्होंने कहा- ये ट्रांसफर्ड सब्जेक्ट था। फिर भी हमने एलजी की मंजूरी के लिए भेजा।