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बंगाल में राजभवन के कर्मचारियों पर मुकदमा

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर लगे आरोपों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राज्यपाल पर लगे यौन शोषण के आरोपों से जुड़े मामले में कोलकाता पुलिस ने राजभवन के तीन कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। शनिवार को हुई कार्रवाई में पुलिस ने एसएस राजपूत, कुसुम छेत्री और संत लाल का नाम एफआईआर में शामिल किया है। इन तीनों को बंगाल पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के जरिए पहचाना है। इन पर दो मई को छेड़छाड़ की घटना के बाद राजभवन की महिला कर्मचारी को गलत तरीके से रोकने का आरोप है।

गौरतलब है कि राजभवन में काम करने वाली शिकायतकर्ता महिला ने आरोप लगाया था कि घटना के बाद उसे स्टाफ ने पकड़ लिया था। दो मई को उस पर चुप रहने के लिए दबाव डाला गया। पीड़ित इस मामले में पहले ही एक मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 के तहत बयान दर्ज करा चुकी है। ध्यान रहे राज्यपाल के खिलाफ दो महिलाओं ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। पहले 2019 से राजभवन में ठेके पर काम कर रही महिला ने तीन मई को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि वह 24 मार्च को स्थायी नौकरी का निवेदन लेकर राज्यपाल के पास गई थी। तब राज्यपाल ने बदसलूकी की। अगले दिन फिर यही हुआ तो वह राजभवन के बाहर तैनात पुलिस अधिकारी के पास शिकायत लेकर गई।

दूसरे मामले में एक ओडिसी क्लासिकल डांसर ने दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में राज्यपाल द्वारा यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। शिकायत अक्टूबर 2023 में दर्ज कराई गई थी। 14 मई को मामला सामने आया। ओडिसी डांसर ने अपनी शिकायत में बताया कि वह विदेश यात्रा से जुड़ी दिक्कतों को लेकर राज्यपाल से मदद मांगने गई थी। राज्यपाल आनंद बोस ने खुद पर लगे आरोपों को खारिज कर दिया था। उन्होंने नौ मई को एक सौ आम लोगों को दो मई का सीसीटीवी फुटेज दिखाया। एक घंटे के वीडियो में वह महिला भी नजर आई थी, जिसने राज्यपाल पर उत्पीड़न का आरोप लगाया।

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