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खुशखबरी!अब शीतकाल में भी कर सकेंगे चारधाम के दर्शन,CM ने किया शुभारंभ

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winter chardham yatra: शीतकालीन चारधाम यात्रा की तैयारियां पूरे जोरों पर हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर यात्रा मार्गों और शीतकालीन प्रवास स्थलों को श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं।

बाबा केदारनाथ के शीतकालीन प्रवास स्थल उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ ही यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की जा रही है।(winter chardham yatra)

श्रद्धालुओं की सुखद और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है

शीतकालीन चारधाम शुरू

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर चारधाम के शीतकालीन प्रवास स्थलों के लिए यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं।

रविवार को मुख्यमंत्री धामी ने बाबा केदार के शीतकालीन प्रवास स्थल, उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की।

इस दौरान उन्होंने प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और राज्य की प्रगति के लिए प्रार्थना की।

शीतकालीन यात्रा को लेकर राज्य सरकार की सक्रियता से श्रद्धालुओं में उत्साह देखा जा रहा है।

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शीतकालीन चारधाम यात्रा का शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उखीमठ में शीतकालीन चारधाम यात्रा का शुभारंभ करते हुए यात्रा की तैयारियों का निरीक्षण किया।

इस अवसर पर उन्होंने प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया और अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शीतकालीन यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा को सरल और सुरक्षित बनाने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

उन्होंने यात्रा मार्गों, ठहरने की सुविधाओं और आपातकालीन सेवाओं पर विशेष ध्यान देने का भी आग्रह किया।

देवभूमि का तीर्थाटन और पर्यटन(winter chardham yatra)

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शीतकालीन यात्रा के शुभारंभ से देवभूमि उत्तराखंड में तीर्थाटन और पर्यटन को और अधिक प्रोत्साहन मिलेगा।

इससे न केवल पूरे वर्ष पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी, बल्कि राज्य के अनेक अनजाने और कम प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी पहचान हासिल करेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि शीतकालीन यात्रा स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी, जो उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

जानें शीतकालीन प्रवास स्थल

भगवान केदारनाथ का शीतकालीन प्रवास स्थल उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर है।

इसी तरह, भगवान बद्री विशाल का शीतकालीन प्रवास स्थल चमोली जिले में स्थित योग ध्यान मंदिर, पांडुकेश्वर है।

मां यमुना का शीतकालीन प्रवास स्थल उत्तरकाशी के खरसाली में है, जबकि मां गंगा का शीतकालीन प्रवास स्थल उत्तरकाशी के मुखबा गांव में स्थित है।

इस अवसर पर विधायक आशा नौटियाल, भरत चौधरी और बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय भी मौजूद रहे, जिन्होंने यात्रा से संबंधित तैयारियों का निरीक्षण किया और इस शुभ अवसर में भाग लिया।

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